कोविड टीका कंपनियों से जुड़ी राष्ट्रीय समिति, टीका वितरण के लिए राष्ट्रीय योजना तैयार करने में लगी हुई है और यह उपलब्ध टीका विकल्पों का आकलन भी कर रही है। लेकिन सरकार का मानना है कि फाइजर के टीके के लिए जरूरी कोल्ड चेन एक बड़ी चुनौती बन रही है क्योंकि इसकी सीमित संख्या देश की मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं होगी।
नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) और टीके से जुड़ी समिति के अध्यक्ष वी के पॉल ने कहा, ‘हमारी जानकारी के मुताबिक केवल एक ही टीका है जो -70 से -80 डिग्री सेल्सियस तापमान में रखा जाना चाहिए और इसका निर्माण बड़े पैमाने पर करना सभी देशों के लिए मुश्किल हो जाएगा। हम इस बात पर चर्चा कर रहे हैं क्योंकि फाइजर का टीका कुछ महीनों तक उपलब्ध नहीं होगा।’ पॉल ने कहा कि अन्य पांच टीके के साथ ज्यादा चुनौतियां नहीं हैं और इनके जरिये देश की जरूरत को पूरा करने के लिए पर्याप्त खुराक उपलब्ध होगी। उन्होंने कहा, ‘हालांकि, अगर केवल फाइजर का ही टीका आएगा तब हमें अपनी रणनीति इसके ही मुताबिक बनानी होगी।’ पांच टीकों में से रूस के स्पूतनिक वी टीके का अगले हफ्ते से दूसरे चरण और तीसरे चरण का परीक्षण शुरू करने की संभावना है। सीरम इंस्टीट्यूट के ऑक्सफ र्ड-एस्ट्राजेनेका और भारत बायोटेक के टीके तीसरे चरण के परीक्षण में हैं। जायडस कैडिला के टीके ने दूसरे चरण के परीक्षण पूरे कर लिए हैं और नतीजे का इंतजार है। बायोलॉजिकल ई परीक्षण के प्रारंभिक चरण में है। पॉल कहते हैं, ‘हम इन पांच विकल्पों को लेकर ज्यादा उम्मीद कर रहे हैं। इनमें से एक या इससे अधिक हमें कुछ सफलता दे सकते हैं।’
अमेरिका की दवा निर्माता कंपनी फाइजर ने बताया है कि इसका टीका बीएनटी162बी2 आखिरी चरण के परीक्षणों में 90 फीसदी से अधिक प्रभावी रहा है। जर्मनी की बायोटेक कंपनी बायोएनटेक द्वारा तैयार किए गए टीके की समीक्षा इस महीने अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन द्वारा की जाएगी।
