आईजीएसएस वेंचर्स के नेतृत्व में सिंगापुर के एक कंसोर्टियम तमिलनाडु में सेमीकंडक्टर संयंत्र लगाना चाहता है। कंसोर्टियम ने इसके लिए सरकार को प्रस्ताव दिया है, जिसमें 3.5 अरब डॉलर के निवेश से राज्य में सेमीकंडक्टर संयंत्र स्थापित करने के लिए तीन इक्विटी साझेदारों के साथ खास कंपनी (एसपीवी) स्थापित करने की बात है। संयंत्र में सालाना 40,000 वैफर्स बन सकेंगे। कंपनी ने दो साल के भीतर संयंत्र लगाने का वादा भी किया है।
आईजीएसएस वेंचर्स के संस्थापक एवं मुख्य कार्याधिकारी राज कुमार ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से बातचीत में बताया कि उनके रणनीतिक साझेदारों में मझोले आकार की एक वैश्विक एकीकृत उपकरण विनिर्माता (आईडीएम) है। वह अमेरिका के लिए चिप डिजाइन करती और बनाती है। कुमार सिंगापुर में कई फैब संयंत्रों की स्थापना कर चुके हैं।
कंसोर्टियम के अन्य साझेदारों में एक वैश्विक सिस्टम कंपनी और एक वैश्विक हाईटेक पार्क्स कंपनी है। कुमार ने बताया कि उन्होंने तीन कंपनियों के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं लेकिन चौथे साझेदार की भी तलाश की जा रही है। कुछ देसी कंपनियों ने इसमें दिलचस्पी दिखाई है और उनसे बात चल रही है मगर अभी कुछ तय नहीं हुआ है।
कंसोर्टियम को 28 नैनोमीटर से 55 नैनोमीटर डिजिटल और एनालॉग चिप बनाने के लिए प्रौद्योगिकी प्रदान करने नाले आईडीएम साझेदार ने 20 फीसदी क्षमता के बराबर चिप वापस खरीदने पर भी रजामंदी जताई है। हाईटेक पार्क्स कंपनी चिप संयंत्र के लिए कंसोर्टियम की मदद करने के अलावा आपूर्तिकर्ताओं और उपयोगकर्ताओं के लिए कारखाने के आसपास व्यवस्था तैयार कर सकती है। एसपीवी बाद में 22 नैनोमीटर चिप भी बनाएगी। कारखाने के लिए 300 एकड़ भूमि निर्धारित की गई है।
कुमार ने कहा, ‘तीनों साझेदार एसपीवी में अल्पांश हिस्सेदारी लेने के लिए राजी हैं। हमने सिलिकन फोटॉनिक्स, पावर टेक्नोलॉजी और सिलिकन चिप में अपने वैश्विक साझेदारों के साथ करार किया है, जिसके मुताबिक वे 40 फीसदी उत्पाद खरीदेंगे। आईडीएम 20 फीसदी क्षमता वापस खरीद लेगी। बाकी के लिए वैश्विक कंपनियों के साथ करार किए जाएंगे।’
आईजीएसएस के अलावा मुंबई के कंसोर्टियम आईएसएमसी और वेदांत-फॉक्सकॉन ने भी सरकार की सेमीकंडक्टर नीति के तहत संयंत्र स्थापित करने के प्रस्ताव दिए हैं। वेदांत-फॉक्सकॉन ने बुधवार को ही गुजरात में चिप एवं डिस्प्ले संयंत्र स्थापित करने की घोषणा की है। इस नीति के तहत परियोजना लागत पर 30 से 50 फीसदी तक प्रोत्साहन दिया जाना है। सरकार प्रस्ताव पर विचार कर रही है और उसे जल्द मंजूरी मिलने की उम्मीद है।
कुमार ने कहा कि कंपनी अगले पांच साल में मुख्य तौर पर वैश्विक कंपनियों से फाउंड्री के अधिग्रहण पर ध्यान केंद्रित करेगी क्योंकि भारत में क्वालकॉम की तरह कोई पूर्ण चिप डिजाइन फैबलेस कंपनी नहीं है। इसलिए अधिग्रहीत की जाने वाली कंपनी भारतीय फाउंड्री के लिए डिजाइन तैयार करेगी और ठेके पर उत्पादन भी करेगी।