facebookmetapixel
रिटायरमेंट निवेश का सच: EPF-NPS से लेकर FD तक, 2025 में बुजुर्गों को कितना मिला रिटर्न?Adani Group लगाएगा उत्तर प्रदेश में न्यूक्लियर पावर प्लांट, राज्य में लेगेंगे आठ छोटे मॉड्यूलर परमाणु रिएक्टरShare Market: शेयर बाजार में जोरदार वापसी! 4 दिन की गिरावट के बाद सेंसेक्स–निफ्टी उछलेमहाराष्ट्र का अनार अमेरिका के लिए रवाना, JNPT बंदरगाह से पहला कंटेनर समुद्र मार्ग से भेजा गयाIPO 2025: रिकॉर्ड पैसा, लेकिन निवेशकों को मिला क्या?अमेरिका और यूरोप की नीति में बदलाव से एशियाई इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग को झटका, EV कंपनियां मुश्किल में‘आम आदमी को उठाना पड़ सकता है बैंकिंग सिस्टम का नुकसान’, रॉबर्ट कियोसाकी ने लोगों को क्यों चेताया?पिरामल फाइनेंस श्रीराम लाइफ में 14.72% हिस्सेदारी Sanlam ग्रुप को बेचेगी, ₹600 करोड़ का सौदाEPFO का बड़ा फैसला: नौकरी बदलते समय वीकेंड और छुट्टियां अब सर्विस ब्रेक नहीं मानी जाएंगीइस साल इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने में लोगों की ये गलतियां पड़ीं भारी, रिफंड अटका और मिला नोटिस

स्टॉक प्रबंधन के लिए केंद्र ने किया दोगुना चावल वितरण

Last Updated- December 11, 2022 | 1:53 PM IST

केंद्र सरकार ने अपने भंडारण के प्रबंधन के लिए इस साल जून से अगस्त के दौरान सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के माध्यम से पिछले साल की समान अवधि की तुलना में दोगुने से ज्यादा चावल वितरित किया है।
इस अवधि के दौरान गेहूं की आवंटित मात्रा करीब एक चौथाई कम कर दी गई। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) की वेबसाइट के स्टॉक के आंकड़ों से यह जानकारी मिलती है। स्टॉक की रणनीति कारगर नजर आ रही है क्योंकि हाल के अनाज के स्टॉक के स्तर के हिसाब से भारत के पास मार्च 2023 के अंत तक के लिए पर्याप्त स्टॉक है।
गेहूं की जगह चावल देने की रणनीति मई और जून में अपनाई गई थी क्योंकि वित्त वर्ष 23 में गेहूं की खरीद में करीब 57 प्रतिशत कमी आई थी। कुछ खबरों के मुताबिक सरकार को उम्मीद है कि सभी जरूरतें पूरी करने के बाद मार्च 2023 के अंत तक भारत के पास करीब 113 लाख टन गेहूं और 236 लाख टन चावल केंद्रीय पूल में होगा। यह गेहूं की 75 लाख टन और चावल के 136 लाख टन बफर की जरूरतों से उल्लेखनीय रूप से अधिक होगा।
कुछ दिन पहले जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है, ‘एनएफएसए, अन्य कल्याणकारी योजनओं और पीएमजीकेएवाई के सातवें चरण की जरूरतें पूरी करने के बाद 1 अप्रैल 2023 को एफसीआई के पास बफर मानकों की तुलना में ज्यादा अनाज रहेगा।’
बहरहाल चावल और गेहूं के वितरण की व्यवस्था में बदलाव के बाद के अनाज के स्टॉक के विश्लेषण से पता चलता है कि जून और सितंबर के बीच सरकार ने 86.6 लाख टन चावल और 63.2 लाख टन गेहूं का वितरण किया है। पिछले साल की समान अवधि के दौरान सरकार ने करीब 30.9 लाख टन चावल और 8.71 लाख टन गेहूं का वितरण किया था।
इस तरह से सरकारी खरीद कम रहने की वजह से कम स्टॉक के कारण जहां गेहूं की मात्रा कम कर दी गई वहीं उसकी जगह पर्याप्त चावल का वितऱण किया गया है।
मोटे अनुमान के मुताबिक जून के बाद से गेहूं और चावल की उठान करीब 80 लाख टन रही है, जिसमें 20 लाख टन गेहूं और 60 लाख टन चावल शामिल है। यह उठान पीडीएस और पीएमजीकेएवाई दोनों मिलाकर है। 16 सितंबर तक के आंकड़ों के मुताबिक करीब 224.5 लाख टन चावल और 240.9 लाख टन गेहूं एफसीआई के पास केंद्रीय पूल में था। चावल के स्टॉक में मिलों पर पड़ा 95.8 लाख टन धान शामिल नहीं है।
 

First Published - October 10, 2022 | 10:40 PM IST

संबंधित पोस्ट