भारतीय रियल एस्टेट क्षेत्र में लगातार उठाए गए सुधारों की वजह से वर्ष 2006 से अब तक 62.8 अरब डॉलर (लगभग 4.81 लाख करोड़ रुपये) का संस्थागत निवेश आया है। संपत्ति सलाहकार फर्म जेएलएल इंडिया ने एक बयान में यह जानकारी दी। इसके मुताबिक, वर्ष 2014 में शुरू हुए सिलसिलेवार सुधारों ने आने वाले वर्षों में पूंजी प्रवाह बढ़ाने का काम किया। वर्ष 2006 से मार्च, 2022 तक इस क्षेत्र में आए 62.8 अरब डॉलर के कुल संस्थागत निवेश में से 58 फीसदी निवेश वर्ष 2015 के बाद आया है।
जेएलएल ने कहा कि वर्ष 2014 में आरईआईटी की शुरुआत, 2016 में रियल एस्टेट विनियमन एवं विकास (रेरा) अधिनियम, बेनामी लेनदेन (निषेध) अधिनियम, जीएसटी, और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) मानकों में क्रमिक छूट जैसे सुधारों से रियल एस्टेट क्षेत्र में पारदर्शिता, जवाबदेही और पेशेवर प्रबंधन को बल मिला।
बयान के मुताबिक, इन सुधारों का असर यह हुआ कि वर्ष 2015 से मार्च, 2022 तक भारतीय रियल एस्टेट में 36.7 अरब डॉलर का संस्थागत निवेश आया।