भारत में कोरोना टीकाकरण अभियान के तहत 6.5 प्रतिशत खुराक की बरबादी हो रही है जिसके चलते केंद्र सरकार ने राज्यों से टीके के इष्टतम उपयोग को बढ़ावा देने और अपव्यय को कम करने के लिए कहा है। स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने बुधवार को संवाददाताओं के साथ यह जानकारी साझा की। तेलंगाना जैसे कई राज्य राष्ट्रीय औसत से बहुत अधिक खुराक की बरबादी कर रहे हैं। तेलंगाना में 17.5 फीसदी खुराक बरबाद हो रही हैं तो वहीं आंध्र प्रदेश में 11.6 प्रतिशत और उत्तर प्रदेश में 9.4 प्रतिशत टीकों की बरबादी हो रही है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार सरकार ने सभी राज्यों में अब तक कोविड-19 टीकों की 7.5 करोड़ खुराकें उपलब्ध कराई हैं।
भूषण ने कहा, ‘टीके सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए हैं। ये अमूल्य हैं और इसलिए किफायती तरीके से इनका इस्तेमाल किया जाना चाहिए। टीके की बरबादी को बड़े पैमाने पर कम करने की जरूरत है। टीके की बरबादी कम होने का अभिप्राय है कि आप और अधिक लोगों का टीकाकरण कर सकते हैं और इससे संक्रमण की कड़ी को तोडऩे की संभावना अधिक होगी।’
कुछ राज्य जो अपने टीके की आपूर्ति के प्रबंधन में बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं, उनमें हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड शामिल हैं, जिनमें 2 प्रतिशत से भी कम खुराक व्यर्थ हो रही हैं।
कोविशील्ड टीके के लिए दोनों खुराक के बीच अंतराल को 4 से बढ़ाकर 8 सप्ताह करने पर नीति आयोग के सदस्य वी के पॉल ने कहा कि टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह की अंतरिम सलाह यह है कि किसी तरह का बदलाव न किया जाए। उन्होंने कहा, ‘समूह 1,600 भारतीयों पर किए गए परीक्षण के आंकड़ों को भी देख रहा है। अगर आंकड़ों में किसी तरह का बदलाव दिखने के आधार पर राय में कोई संशोधन होता है तो सरकार इसे स्वीकार करेगी … यह लगातार होता एक काम है।’
सरकारी आंकड़ों के अनुसार को सुबह 9 बजे तक देश में टीके की 3.51 करोड़ खुराक दी गई है जिनमें से 1.38 करोड़ खुराक 45 से 60 साल की उम्र के बीच गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों और 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को दी गई है।
हालांकि, टीकाकरण के कवरेज के आंकड़े राज्यों में काफी अलग-अलग हैं। रोजाना दी जाने वाली औसत खुराक राजस्थान में 1,52,000 से ज्यादा हैं तो वहीं दिल्ली और हरियाणा में 28,000 से अधिक हैं। दैनिक स्तर पर खुराक का राष्ट्रीय औसत 13 लाख है और एक दिन में दी जाने वाली सर्वाधिक खुराक का उच्चतम स्तर 30 लाख है।
भूषण ने कहा, ‘कुछ राज्य चिंता का कारण हैं। हम टीकाकरण की उदार प्रक्रिया को अपना रहे हैं जिसमें निजी अस्पतालों को बड़े लचीलेपन के साथ टीका लगाने की अनुमति दी गई है… राज्यों से हमारी अपेक्षा यह है कि वे टीकाकरण की गति और कवरेज को बढ़ाएं।’
सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के 50,000 से अधिक अस्पताल वर्तमान में कोविड-19 टीकाकरण अभियान में शामिल हैं। उन्होंने कहा, ‘देश में कोविड-19 टीकों की कमी नहीं है। हम टीकों की आपूर्ति और उपयोग का दैनिक विश्लेषण करते हैं। हमने यह जानकारी राज्यों को शेष बची खुराकों के आधार पर दी है।’
