अमेरिका और पाकिस्तान के बीच तनाव फिर बढ़ गया है। अमेरिका ने पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि अगर वो ईरान के साथ किसी भी तरह का व्यापार सौदा करता है, तो उसे “प्रतिबंधों के संभावित जोखिम” का सामना करना पड़ सकता है। अमेरिका का कहना है कि वो ईरान के परमाणु कार्यक्रम से जुड़े देशों के खिलाफ कार्रवाई करता रहेगा।
साथ ही अमेरिका ने पाकिस्तान पर ईरान से मिसाइल तकनीक हासिल करने का आरोप लगाया है, जो इलाके की सुरक्षा के लिए खतरा है। वहीं, अमेरिकी विदेश विभाग का ये भी कहना है कि पाकिस्तान अपनी विदेश नीति खुद तय करने के लिए आज़ाद है।
अमेरिका ने हाल ही में चीन और बेलारूस की कुछ कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए हैं। इन कंपनियों को पाकिस्तान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम के लिए उपकरण और अन्य सामान मुहैया कराने का आरोप है। अमेरिका का कहना है कि ये कंपनियां सामूहिक विनाश के हथियारों के प्रसार में शामिल हैं।
गौरतलब है कि अमेरिका, ईरान परमाणु कार्यक्रम को लेकर काफी चिंतित है और उसका मानना है कि ईरान परमाणु हथियार बनाने की कोशिश कर रहा है। ईरान के राष्ट्रपति की हालिया पाकिस्तान यात्रा और दोनों देशों के बीच हुए समझौते को देखते हुए अमेरिका ने पाकिस्तान को भी चेतावनी दी है कि अगर वो ईरान के साथ व्यापार करता है तो उसे भी प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है।
ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी की तीन दिवसीय पाकिस्तान यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने की दिशा में अहम कदम उठाया गया। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और ईरानी राष्ट्रपति रायसी की अगुवाई में हुई वार्ता में आठ समझौतों पर भी हस्ताक्षर किए गए, जिनमें पशु चिकित्सा और पशु स्वास्थ्य, नागरिक मामलों में न्यायिक सहायता और सुरक्षा क्षेत्र शामिल हैं।
पिछले हफ्ते अमेरिका ने चार कंपनियों को प्रतिबंधित कर एक सख्त कदम उठाया। इन कंपनियों पर आरोप है कि ये सामूहिक विनाश के हथियारों के फैलाव में शामिल रहीं। ये कंपनियां पाकिस्तान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम को अहम उपकरण और सामान मुहैया कराती थीं।
प्रतिबंधित कंपनियों में बेलारूस की मिन्स्क व्हील ट्रैक्टर प्लांट शामिल है, जिसने पाकिस्तान को लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों के लिए विशेष वाहन चेसिस दिए। इसके अलावा चीन की तीन कंपनियों – शीआन लॉन्गडे टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड, तियानजिन क्रिएटिव सोर्स इंटरनेशनल ट्रेड कंपनी लिमिटेड और ग्रैनपेक्ट कंपनी लिमिटेड को भी प्रतिबंधित किया गया है।