US-India Trade tension: अमेरिका ने भारत को “रणनीतिक साझेदार” बताया है। साथ ही कहा कि वह भारत के साथ “पूर्ण और स्पष्ट संवाद” कर रहा है, भले ही दोनों देशों के बीच टैरिफ, ट्रेड बैलेंस और रूसी तेल की खरीद को लेकर तनाव बना हुआ है। हालांकि राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने मौजूदा टैरिफ विवाद सुलझने तक आगे किसी भी व्यापार वार्ता की संभावना से इनकार किया है, लेकिन अमेरिकी विदेश मंत्रालय का रुख अपेक्षाकृत संतुलित रहा।
गुरुवार (स्थानीय समयानुसार) वॉशिंगटन में पत्रकारों से बात करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता टॉमी पिगॉट ने कहा कि प्रशासन मतभेदों को सीधे संबोधित कर रहा है। पिगॉट व्यापार असंतुलन और रूसी तेल की खरीद को दो अहम मुद्दा बताया है।
पिगॉट ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति भारत के व्यापार असंतुलन और रूस से तेल की खरीद को लेकर “बहुत स्पष्ट” हैं। उन्होंने कहा, “आपने देखा है कि उन्होंने इस पर सीधे कार्रवाई की है। भारत एक रणनीतिक साझेदार है जिसके साथ हम पूर्ण और स्पष्ट बातचीत में लगे हुए हैं। यह जारी रहेगा।”
जब उनसे पूछा गया कि क्या वॉशिंगटन को संबंध बिगड़ने या भारत के चीन के करीब जाने का डर है, तो पिगॉट ने भारत के साथ प्रत्यक्ष और निरंतर जुड़ाव के जरिए मतभेदों को सुलझाने की अमेरिकी प्रतिबद्धता दोहराई।
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उन्होंने कहा, “इन चिंताओं का समाधान करना जरूरी है। अंततः, यह एक स्पष्ट और निर्णायक बातचीत के बारे में है। यही अमेरिकी हितों को आगे बढ़ाने का तरीका है।”
जब सवाल किया गया कि क्या चीन और अन्य ब्रिक्स देश अमेरिकी व्यापार उपायों के खिलाफ प्रतिक्रिया संगठित करने की कोशिश कर रहे हैं, तो विदेश मंत्रालय ने दोहराया कि भारत के साथ संवाद “जारी रहेगा”।
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने कहा कि मौजूदा टैरिफ विवाद के हल होने तक भारत के साथ किसी भी तरह की व्यापार वार्ता नहीं होगी। उन्होंने यह टिप्पणी तब की जब उनसे ज्यादा टैरिफ की घोषणा के बाद आगे की बातचीत की संभावना के बारे में पूछा गया।
उनकी यह टिप्पणी तब आई जब उन्होंने मॉस्को के साथ व्यापार करने वाले देशों पर नए “सेकंडरी प्रतिबंध” लगाने की चेतावनी दी। उनसे पूछा गया था कि रूस के साथ संबंधों को लेकर भारत को क्यों निशाना बनाया जा रहा है, जबकि अन्य देश भी रूसी ऊर्जा खरीदना जारी रखे हुए हैं।
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बुधवार को ट्रंप ने एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए, जिसमें भारतीय आयात पर अतिरिक्त 25% टैरिफ लगाने का प्रावधान है, जिससे कुल शुल्क बढ़कर 50% हो जाएगा। यह कदम रूस से तेल खरीद को लेकर नई दिल्ली को दी गई उनकी पहले की चेतावनी के बाद आया है। नया टैरिफ 27 अगस्त से लागू होगा।