अमेरिका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप | फाइल फोटो
भारतीय वस्तुओं पर शुल्क बढ़ाने की अमेरिका की धमकी के जवाब का तरीका तलाशने के लिए सरकार द्वारा की जा रही माथापच्ची के बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने आज एक नई चेतावनी जारी की। उन्होंने कहा कि भारत रूस से कच्चे तेल की खरीद बंद करे अन्यथा वह अगले 24 घंटों के भीतर भारतीय आयात पर शुल्क में बेतहाशा वृद्धि कर देंगे।
ट्रंप ने सीएनबीसी से कहा कि भारत रूसी कच्चा तेल खरीदकर ‘युद्ध मशीन को ईंधन’ दे रहा है और इससे वह काफी नाखुश हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत के बारे में लोग जो कहना पसंद नहीं करते, वह यह है कि भारत सबसे ज्यादा शुल्क लगाने वाला देश है। उसका शुल्क किसी भी देश से ज्यादा है। हम भारत के साथ बहुत कम व्यापार करते हैं क्योंकि उसके शुल्क बहुत ज्यादा हैं। भारत अच्छा व्यापार साझेदार नहीं है।’
ट्रंप की यह प्रतिक्रिया भारत द्वारा एक संक्षिप्त बयान जारी करने के एक दिन बाद आई है जिसमें कहा गया था कि भारत को निशाना बनाना अनुचित और अविवेकपूर्ण है। सरकारी सूत्रों ने बताया कि ट्रंप द्वारा भारत को लगातार दी जा रही धमकियों के बावजूद अमेरिका के साथ बातचीत जारी है।
बातचीत से जुड़े एक व्यक्ति ने कहा कि गतिरोध जरूर आया है लेकिन बातचीत अभी पूरी तरह से बंद नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि इस गतिरोध को तोड़ने के लिए अब शीर्ष राजनीतिक स्तर पर बातचीत जरूरी है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर तनाव बढ़ता है तो इससे भारत और अमेरिका के बीच चल रही व्यापार वार्ता भी रुक सकती है। द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर छठे दौर की वार्ता के लिए अमेरिका की एक व्यापार टीम 25 अगस्त को भारत आने वाली है।
कुछ दिनों तक ट्रंप की धमिकयों पर चुप्पी साधने के बाद भारत के विदेश मंत्रालय ने सोमवार शाम को तल्ख प्रतिक्रिया दी। मंत्रालय ने कहा कि रूस से तेल खरीदने पर अमेरिका और यूरोपीय संघ की धमकियां गैर-वाजिब एवं बेतुका हैं। मंत्रालय ने कहा, ‘अन्य बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की तरह भारत को भी अपने राष्ट्रीय हित सुरक्षित रखने का अधिकार है और वह अपने आर्थिक हितों को ध्यान में रखते हुए ही कदम उठाएगा।‘
ट्रंप प्रशासन के साथ तनाव के बीच भारत रूस के साथ अपने ताल्लुकात बेहतर रखना चाहता है और वह रूस को भी संदेश दे रहा है कि उसे भारत की प्राथमिकताएं समझनी चाहिए।
सूत्रों ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल अगले सप्ताह रूस की यात्रा पर जाएंगे और विदेश मंत्री एस जयशंकर भी इस महीने मास्को जा सकते हैं। ये दोनों ही दौरे ऐसे समय में हो रहे हैं जब ट्रंप भारत को रूस से तेल आयात घटाने के लिए लगातार दबाव डाल रहे हैं।
मंगलवार को रूस ने कहा कि भारत को अपने व्यापारिक साझेदार चुनने का पूरा अधिकार है। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने संवाददाताओं से कहा कि दुनिया के सभी संप्रभु देशों को अपने व्यापार साझेदार चुनने का अधिकार है।