अमेरिका के वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लुटनिक ने रविवार को घोषणा की कि स्मार्टफोन, कंप्यूटर और कुछ अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामान जल्द ही नए टैरिफ के दायरे में आएंगे। इसके अलावा, सेमीकंडक्टर और दवाओं पर भी स्पेशल टैरिफ लगाने की योजना है। यह टैरिफ एक या दो महीने में लागू हो सकता है। लुटनिक ने एबीसी न्यूज को बताया कि यह कदम अमेरिका को तकनीक और दवाओं के मामले में आत्मनिर्भर बनाने के लिए उठाया जा रहा है।
पिछले शुक्रवार को राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप की सरकार ने घोषणा की थी कि चीन से आयात होने वाले कई इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों को भारी टैरिफ से छूट दी जाएगी। इस फैसले से एप्पल जैसी टेक कंपनियों को राहत मिली थी, जो ज्यादातर सामान चीन से मंगवाती हैं। साथ ही, इन उत्पादों पर ट्रंप द्वारा लगाए गए 10 प्रतिशत वैश्विक टैरिफ भी लागू नहीं होंगे। लेकिन लुटनिक ने साफ किया कि यह छूट सिर्फ अस्थायी है।
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लुटनिक ने कहा कि स्मार्टफोन, कंप्यूटर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामान अब “सेमीकंडक्टर टैरिफ” के तहत आएंगे। उनका कहना है कि अमेरिका को चिप्स, फ्लैट पैनल और सेमीकंडक्टर जैसी चीजों का उत्पादन अपने देश में करना होगा। उन्होंने जोर देकर कहा, “हम इन चीजों के लिए चीन या दक्षिण-पूर्व एशिया पर निर्भर नहीं रह सकते। ये हमारे लिए जरूरी हैं। इसके साथ ही, दवाओं पर भी टैरिफ लगेगा ताकि दवा उद्योग को अमेरिका में वापस लाया जा सके।”
लुटनिक ने बताया कि यह टैरिफ मॉडल राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखकर बनाया गया है। उनका कहना है कि ये छूट स्थायी नहीं है और इन्हें दूसरे देशों के साथ सौदेबाजी में इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य है कि सेमीकंडक्टर और दवाएं अमेरिका में बनें। ये हमारे लिए जरूरी हैं और हमें इन्हें विदेशों पर निर्भर नहीं रहना चाहिए।”
इस घोषणा से टेक और दवा कंपनियों पर असर पड़ सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि नए टैरिफ से सामान की कीमतें बढ़ सकती हैं, लेकिन सरकार का जोर आत्मनिर्भरता पर है। अब देखना यह है कि यह नीति अमेरिकी अर्थव्यवस्था को कैसे प्रभावित करती है।
बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प ने पिछले हफ्ते बड़े पैमाने पर टैरिफ योजना की घोषणा की थी। हालांकि, बाद में व्हाइट हाउस ने कहा कि ज्यादातर देशों के लिए 90 दिनों तक जवाबी टैरिफ पर रोक रहेगी, लेकिन चीन ने अमेरिकी आयात पर 125 प्रतिशत टैरिफ लगाने का फैसला किया था।