facebookmetapixel
क्या सोने की बढ़ती कीमतें आने वाली महंगाई का संकेत दे रही हैं? एक्सपर्ट ने दिया बड़ा संकेतPhysicsWallah या Emmvee या Tenneco! किस IPO में पैसा लगाने रहेगा फायदेमंद, जान लेंPhysicsWallah IPO: सब्सक्राइब करने का आखिरी मौका, जानें GMP और ब्रोकरेज का नजरियाGold and Silver Price Today: सोना ₹1.26 लाख के पार, चांदी ₹1.64 लाख के करीब; दोनों मेटल में जोरदार तेजीएमएसएमई का सरकार से एनपीए नियमों में बड़े संशोधन का आग्रह, 90 से 180 दिन की राहत अवधि की मांगएनएफआरए में कार्य विभाजन पर विचार, सरकार तैयार कर रही नई रूपरेखाकोयले से गैस भी बनाएगी NTPCलालकिले के धमाके का असर! विदेशियों की बुकिंग पर दबाव, लेकिन उद्योग बोले– असर होगा सिर्फ कुछ दिनों काअल्ट्राटेक से अदाणी तक: रद्द खदानों पर कंपनियों को राहत, सरकार ने शुरू की अंतिम मुआवजा प्रक्रियाबिहार चुनाव में वोटों की बाढ़! SIR विवाद के बीच रिकॉर्ड 66.9% मतदान से सभी चौंके

भारत को सस्ता तेल देगा रूस

Last Updated- December 11, 2022 | 3:42 PM IST

रूस से कच्चे तेल के आयात मूल्य को निर्धारित करने के लिए जी7 देशों के बीच काफी सुगबुगाहट दिख रहा है लेकिन रूस भी उसका जवाब देने में पीछे नहीं है। अधिकारियों ने बताया कि मॉस्को ने नई दिल्ली से कहा है कि वह भारत को पहले के मुकाबले कीमत पर तेल उपलब्ध कराने के लिए तैयार है।

विदेश मंत्रालय के एक अ​धिकारी ने कहा, ‘सैद्धांतिक तौर पर कहा जा सकता है कि बदले में भारत को जी7 के प्रस्ताव का समर्थन नहीं करना चाहिए। इस मुद्दे पर बाद में निर्णय लिया जाएगा क्योंकि फिलहाल सभी भागीदारों के साथ बातचीत चल रही है।’

अ​धिकारियों ने कहा कि यह छूट पिछले दो महीनों के दौरान इराक द्वारा दी गई छूट के मुकाबले अ​धिक होगी। मई में भारत के लिए रूसी क्रूड ऑयल का मूल्य इंडियन क्रूड आयात बास्केट के औसत मूल्य 110 डॉलर प्रति बैरल के मुकाबले 16 डॉलर प्रति बैरल कम था। जून में छूट को घटाकर14 डॉलर प्रति बैरल कर दिया गया और उस दौरान इंडियन क्रूड बास्केट का औसत मूल्य 116 डॉलर प्रति बैरल था। अ​धिकारियों ने कहा कि अगस्त तक रूसी क्रूड ऑयल की कीमत औसत क्रूड आयात बास्केट मूल्य के मुकाबले 6 डॉलर कम था।

फिलहाल भारत के सबसे बड़े तेल आपूर्तिकर्ता देश इराक ने जून के अंत में रूस के मुकाबले 9 डॉलर प्रति बैरल कम कीमत पर तेल की आपूर्ति करते हुए रूस को पीछे कर दिया। ऐसे में मूल्य के प्रति कहीं अ​धिक संवेदनशील माने जाने वाले भारतीय बाजार का झुकाव इराक की ओर हो गया। परिणामस्वरूप भारत के शीर्ष तेल आपूर्तिकर्ता देशों की सूची में रूस ​खिसककर तीसरे पायदार पर चला गया। भारत की कुल तेल जरूरतों को पूरा करने में रूस का योगदान 18.2 फीसदी है। सूची में सउदी अरब 20.8 फीसदी योगदान के साथ पहले पायदान पर और इराक 20.6 फीसदी योगदान के साथ दूसरे पायदान पर रहा।

अ​धिकारियों का मानना है कि कीमतों में तेजी के बिना भी कच्चे तेल की आपूर्ति प​श्चिम एशियाई देशों के इतर से बरकरार रहने की उम्मीद है। एक अन्य अ​धिकारी ने कहा, ‘हालांकि हमारी तेल खरीद में इराक से आयात की प्रमुख भूमिका बरकरार रहेगी लेकिन वै​श्विक जटिलताओं और इराक की अ​स्थिर आंतरिक ​स्थिति को देखते हुए भारत को वैक​ल्पिक ढांचा तैयार करने की आवश्यकता है।’

सात देशों- कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका- का समूह (जी7) यूरोपीय संघ के साथ मिलकर रूसी तेल के लिए मूल्य निर्धारित करने पर जोर दे रहा है। 

First Published - September 11, 2022 | 10:00 PM IST

संबंधित पोस्ट