अंतरराष्ट्रीय

विदेशी गेमिंग प्लेटफॉर्मों के लिए सख्त मानकों पर चल रहा काम: राजस्व विभाग

विभाग विदेशी ऑफशोर इकाइयों के लिए एक नियत समयावधि में टैक्स के मकसद से GST रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर सकता है

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श्रीमी चौधरी   
Last Updated- July 13, 2023 | 11:30 PM IST

राजस्व विभाग विदेश के ई-गेमिंग प्लेटफॉर्मों पर नजर रखने और उन्हें वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाने के लिए एक अलग व्यवस्था बनाने की योजना बना रहा है।

इस व्यवस्था के तहत विदेश स्थित ऐप/प्लेटफॉर्म को बैंकिंग चैनल के माध्यम से भुगतान करने की स्थिति में सख्त घोषणा सुनिश्चित करनी होगी।

विभाग विदेशी ऑफशोर इकाइयों के लिए एक नियत समयावधि में कर के मकसद से जीएसटी पंजीकरण अनिवार्य कर सकता है। एक वरिष्ठअधिकारी ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा कि इसका अनुपालन न करने की स्थिति में भारत में उनकी पहुंच ब्लॉक की जा सकती है और कर वसूली के लिए कानूनी कदम उठाए जा सकते हैं।

जीएसटी परिषद ने खिलाड़ियों से घरेलू ऑनलाइन गेमिंग फर्मों से प्राप्त राशि पर ज्यादा कर लगाने का फैसला किया था, जिसके बाद इस कदम की तैयारी चल रही है।

घरेलू ऑनलाइन गेमिंग पर कर लगाने को लेकर मसौदा नियम की तैयारी के बीच विभाग ऑफशोर ई-गेमिंग प्लेटफॉर्मों के लिए बाध्यताओं पर काम कर रहा है, जिससे नए कर नियम लागू किए जा सकें।

इस व्यवस्था के तहत बैंकों के माध्यम से विदेश में पैसे भेजने वाले लोगों को अपना मकसद बताने का दायित्व होगा। उदाहरण के लिए उन्हें लेन देन के दौरान ऐप या प्लेटफॉर्म का विवरण देना होगा, जिससे कि भेजी गई राशि पर तुरंत कर का भुगतान हो सके। अगर कोई व्यक्ति गलत जानकारी देता है तो उसके ऊपर जीएसटी नियमों के तहत कठोर जुर्माना लगाया जाएगा।

विदेश मे स्थित ई-गेमिंग फर्में भारत के ग्राहकों को सेवाओं की पेशकश कर रही हैं और वे कर का भुगतान नहीं कर रही हैं। इस तरह की तथाकथित गेमिंग ऐप ऑपरेटर दांव लगाने व जुआबाजी के दायरे में भी हैं। एकअन्य अधिकारी ने कहा कि इन इकाइयों की भारत में कोई भौतिक मौजूदगी या स्थाई ठिकाना नहीं होता है, ऐसे में उन पर लगाम लगाना मुश्किल होता है।

साथ ही इस तरह की इकाइयां नियमित रूप से अपने बैंक खाते में बदलाव करती हैं, जिसकी वजह से उन पर नजर रखने में समस्या होती है।

अधिकारी ने कहा कि इसके समाधान के लिए हम भारत और विदेश में उनके बैंकिंग खातों पर नजर रखेंगे और भारतीय प्राधिकारियों को भुगतान करने के लिए प्रेरित करेंगे।

उल्लिखित प्रक्रिया के तहत भारत में सेवाएं प्रदान करने वाली सभी विदेशी इकाइयों को ओआईडीएआर (ऑनलाइन इन्फॉर्मेशन डेटाबेस एक्सेस ऐंड रिट्राइवल) सेवाओं के आपूर्तिकर्ता के रूप में जीएसटी कानून के तहत पंजीकरण कराना होता है।

लेकिन कुछ विदेशी गेमिंग प्लेटफॉर्म ओआईडीएआर के साथ पंजीकृत नहीं हैं ऐसे में वे कर चोरी करते हैं। इसके अलावा विदेशी विनिमय प्रबंधन कानून (फेमा) में भी दांव लगाने व जुआबाजी के लिए विदेश में धन भेजना प्रतिबंधित है। इस तरह की गतिविधियों की जांच प्रवर्तन निदेशालय करता है।

First Published : July 13, 2023 | 11:27 PM IST