अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने देश को गंभीर आर्थिक संकट से बचाने पर ध्यान केंद्रित करने के मकसद से अपनी ऑस्ट्रेलिया यात्रा को स्थगित कर दिया है और इसलिए सिडनी में प्रस्तावित क्वाड देशों के नेताओं की बैठक रद्द कर दी गई है।
बाइडन पापुआ न्यू गिनी के साथ ही ऑस्ट्रेलिया यात्रा पर जाने वाले थे। बाइडन को देश के इतिहास में पहली बार अमेरिका को ऋण अदायगी से चूकने से बचाने के लिए विपक्षी रिपब्लिकन पार्टी के साथ गहन चर्चा करने की जरूरत है और इसीलिए उन्होंने अपनी आस्ट्रेलिया यात्रा को स्थगित करने का फैसला किया।
ऑस्ट्रेलिया में बाइडन क्वाड नेताओं की तीसरी प्रत्यक्ष बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज के साथ हिस्सा लेने वाले थे। हालांकि बाइडन जी-7 नेताओं की बैठक में हिस्सा लेने के लिए बुधवार को जापान के हिरोशिमा रवाना होंगे।
अपने फैसले की जानकारी देने के लिए अल्बनीज से फोन पर हुई बातचीत के दौरान बाइडन ने पारस्परिक रूप से सुविधाजनक समय के अनुसार ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री को देश की राजकीय यात्रा के लिए आमंत्रित किया है।
बाइडन 22 जून को व्हाइट हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आधिकारिक यात्रा की मेजबानी करेंगे। बाइडन और मोदी क्वाड शिखर सम्मेलन से इतर ऑस्ट्रेलिया में मिलने वाले थे।
व्हाइट हाउस ने कहा, हालांकि जी-7 बैठक से इतर इस सप्ताह जापान में उनकी पूर्वनियोजित बैठक तय समय पर होगी। व्हाइट हाउस में ‘यहूदी अमेरिकी विरासत माह’ समारोह में बाइडन ने यह महत्वपूर्ण घोषणा की। इस घोषणा से पहले उन्होंने प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष और रिपब्लिकन पार्टी के नेता केविन मैककार्थी सहित संसद के नेताओं के साथ बैठक की थी।
व्हाइट हाउस में आयोजित समारोह में आये अतिथियों से बाइडन ने कहा, ‘‘मैं अपनी यात्रा अवधि में कटौती कर रहा हूं। मैं कांग्रेस के नेताओं के साथ निर्णायक बातचीत के लिए इस यात्रा के दौरान ऑस्ट्रेलिया और पापुआ न्यू गिनी के अपने दौरे को रद्द कर रहा हूं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने आज ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री अल्बनीज से बात की और उन्हें वर्तमान हालात के बारे में बताया। मुझे लगता है कि इस बारे में पूर्ण सहमति बन रही है कि ऋण अदायगी में चूक कोई विकल्प नहीं है। हमारी अर्थव्यवस्था मंदी की चपेट में आ जाएगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगर ऐसा हुआ तो इसका असर सेवानिवृत्त खाताधारकों के खातों पर पड़ेगा, ऋण लागत में वृद्धि होगी और मूडीज के अनुसार लगभग 80 लाख अमेरिकी अपनी नौकरी खो देंगे। और अगर हमने ऐसा होने दिया तो हमारी अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा खत्म हो जाएगी। यह निराशाजनक है कि कांग्रेस के रिपब्लिकन सदस्यों के साथ हमारी चर्चा में रिपब्लिकन नेता राजस्व बढ़ाने पर चर्चा करने को तैयार नहीं हैं।’’
राष्ट्रपति बाइडन ने कहा, भले ही दोनों दलों में नीतिगत मतभेद हों लेकिन यह कांग्रेस को कर्ज अदायगी से बचने के तरीकों पर विचार विमर्श करने से नहीं रोक सकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने आज की बैठक में एक बार फिर स्पष्ट किया कि कर्ज अदायगी में चूक करना कोई विकल्प नहीं है। अमेरिका अपने कर्ज, अपने बिल का भुगतान करता है और हमारे पास नीतिगत मतभेदों पर बहस के लिए पर्याप्त समय होगा। लेकिन देश हमारे कर्ज के कारण नहीं झुकेगा और हम ऐसा कभी नहीं होने देंगे।’’
बाइडन ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति पद की जवाबदेही और जिम्मेदारी में एक ही समय में कई अहम मामलों को सुलझाना शामिल है, इसलिए मुझे विश्वास है कि हम कर्ज अदायगी में चूक से बचने और विश्व मंच पर एक नेता के रूप में अमेरिका की जिम्मेदारी को पूरा करने की दिशा में प्रगति करना जारी रखेंगे।’’
रिपब्लिकन पार्टी और अपनी डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसदों से मुलाकात के तुरंत बाद उन्होंने यह घोषणा की। नेता इस बात से सहमत थे कि कर्ज नहीं चुकाना कोई विकल्प नहीं है, हालांकि इस दिशा में उनके बीच जबरदस्त मतभेद थे, जिसे दूर करने के लिए दोनों पक्षों में गहन बातचीत की आवश्यकता है। इस अहम समय में देश से बाइडन की गैर मौजूदगी से उनके प्रशासन के लिए मुश्किल खड़ी हो सकती थी।
नतीजतन, राष्ट्रपति ने अपनी यात्रा की अवधि में कटौती करने और जापान से सीधा देश लौटने का फैसला किया। बाइडन की यात्रा रद्द होने के बाद ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री अल्बनीज ने बुधवार को कहा कि अगले सप्ताह सिडनी में होने वाली क्वाड नेताओं की बैठक अब नहीं होगी।
अल्बनीज ने न्यू साउथ वेल्स के ट्वीड हेड्स शहर में कहा, ‘‘सिडनी में क्वाड नेताओं की बैठक अगले सप्ताह नहीं होगी।’’ ‘एबीसी न्यूज’ की खबर के अनुसार, अल्बनीज ने कहा कि इसके बजाय ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, भारत और जापान के नेता इस सप्ताहांत जापान में होने वाले जी-7 शिखर सम्मेलन में मुलाकात करेंगे।
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘सभी चारों नेता – राष्ट्रपति जो बाइडन (अमेरिका), प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा (जापान), प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (भारत) और मैं शनिवार और रविवार को हिरोशिमा में होने वाली जी-7 की बैठक में रहेंगे। हम उस दौरान मुलाकात की कोशिश कर रहे हैं और मैं राष्ट्रपति बाइडन के साथ द्विपक्षीय चर्चा भी करने वाला हूं।’’
अल्बनीज ने कहा कि संभव है कि प्रधानमंत्री मोदी और जापान के प्रधानमंत्री किशिदा अगले सप्ताह सिडनी आएं लेकिन तीनों देशों के अधिकारी अभी अपनी योजनाओं की पुष्टि की कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हम क्वाड नेताओं के साथ बातचीत कर रहे हैं। हम इस बारे में आगे घोषणाएं करेंगे। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी निश्चित रूप से अगले सप्ताह हमारे सम्मानित अतिथि होंगे।’’
इस बीच, व्हाइट हाउस ने दोहराया कि क्वाड उनकी प्राथमिकता में बना हुआ है।
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव केरिन जीन पियरे ने कहा, ‘‘हमारे गठबंधनों को पुनर्जीवित करना और उनमें नयी जान फूंकना तथा क्वाड जैसी साझेदारियों को आगे बढ़ाना राष्ट्रपति के लिए एक प्रमुख प्राथमिकता है। यह हमारी विदेश नीति के लक्ष्यों को आगे बढ़ाने और वैश्विक स्थिरता और समृद्धि को बेहतर ढंग से बढ़ावा देने की हमारी क्षमता के लिए महत्वपूर्ण है। हम आगामी वर्षों में ऑस्ट्रेलिया, क्वाड, पापुआ न्यू गिनी और प्रशांत द्विपीय मंच के नेताओं के साथ जुड़ने के अन्य तरीके खोजने की आशा करते हैं।’’
अमेरिका, जापान, भारत और ऑस्ट्रेलिया ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के आक्रामक रवैये का मुकाबला करने के लिए 2017 में ‘‘क्वाड’’ या चतुष्पक्षीय गठबंधन की स्थापना को आकार दिया था जो काफी समय से लंबित था। चीन का दक्षिण चीन सागर एवं पूर्वी चीन सागर दोनों में क्षेत्राधिकार को लेकर विवाद है।
चीन ने पिछले कुछ वर्षों में अपने मानव निर्मित द्वीपों पर सेना बढ़ाई है। चीन, दक्षिण चीन सागर के पूरे क्षेत्र पर दावा करता है। वियतनाम, मलेशिया, फिलीपीन, ब्रुनेई और ताइवान भी इस पर अपना-अपना दावा करते हैं।