PM Modi Russia visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन को मंगलवार को स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि यूक्रेन संघर्ष का समाधान युद्धक्षेत्र में संभव नहीं है और बम, बंदूकों तथा गोलियों के बीच शांति वार्ता सफल नहीं होती।
रूसी राष्ट्रपति कार्यालय ‘क्रेमलिन’ में पुतिन के साथ शिखरवार्ता से पहले, अपने शुरुआती बयान में मोदी ने यूक्रेन में बच्चों के एक अस्पताल पर बम हमले का अप्रत्यक्ष तरीके से जिक्र करते हुए कहा कि बेगुनाह बच्चों की मौत हृदय-विदारक और बहुत पीड़ादायी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने वैश्विक समुदाय को आश्वासन दिया कि भारत शांति के पक्ष में है और संघर्ष का समाधान बातचीत से निकाला जाना चाहिए। मोदी ने कहा, ‘शांति बहाली के लिए भारत हरसंभव तरीकों से सहयोग को तैयार है।’
मोदी दो दिवसीय रूस यात्रा पर सोमवार को मॉस्को पहुंचे और मंगलवार को पुतिन के साथ उन्होंने 22वीं भारत-रूस वार्षिक शिखर वार्ता में भाग लिया। यूक्रेन संघर्ष के चलते पश्चिमी देश इस यात्रा पर लगातार नजर रखे हुए हैं।
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने मोदी-पुतिन वार्ता से पहले वॉशिंगटन में कहा, ‘हम रूस से वार्ता करने वाले हर देश से जो आग्रह करते हैं वही हम भारत से भी करेंगे कि वह स्पष्ट करे कि यूक्रेन में संघर्ष का कोई भी समाधान ऐसा होना चाहिए जो संयुक्त राष्ट्र चार्टर का सम्मान करता हो, जो यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता एवं यूक्रेन की संप्रभुता का सम्मान करता हो।’
वहीं पुतिन ने यूक्रेन संकट को सुलझाने में मदद के प्रयास के लिए मोदी का आभार जताया। रूस की सरकारी समाचार एजेंसी ‘तास’ के मुताबिक पुतिन ने कहा, ‘हम अंतरराष्ट्रीय मंच पर, खास तौर पर अंतरराष्ट्रीय संगठनों के भीतर साथ मिलकर काम करते हैं।’
उन्होंने स्पष्ट किया कि ‘मुख्य रूप से संयुक्त राष्ट्र और शांघाई सहयोग संगठन (एससीओ) तथा ब्रिक्स जैसे समूहों के भीतर’ भागीदारी है। पुतिन ने भारत और रूस के बीच बढ़ते व्यापार पर संतोष जताया। उन्होंने कहा, ‘पिछले वर्ष इसमें 66 प्रतिशत की वृद्धि हुई और इस वर्ष की पहली तिमाही में इसमें 20 प्रतिशत की और वृद्धि हुई।’
इस बीच, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदीमिर जेलेंस्की ने मोदी के पुतिन से गले मिलने पर आपत्ति जताई। जेलेंस्की ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘यूक्रेन में बच्चों के सबसे बड़े अस्पताल पर रूसी मिसाइल से हमला हुआ, जिसमें कैंसर के मरीज बच्चों पर निशाना साधा गया। मलबे के नीचे कई लोग दब गए।’ उन्होंने कहा, ‘दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के नेता को मॉस्को में ऐसे दिन दुनिया के सबसे बड़े खूनी अपराधी को गले लगाते हुए देखना बड़ा निराशाजनक और शांति प्रयासों के लिए विनाशकारी झटका है।’
प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार रात पुतिन के साथ अपनी अनौपचारिक बातचीत का भी जिक्र किया और कहा कि रूस के राष्ट्रपति की बात सुनने से उम्मीद बनी। उन्होंने कहा, ‘सोमवार को हुई हमारी बैठक में हमने यूक्रेन के मुद्दे पर एक दूसरे के विचारों को सुना और मैंने आपके समक्ष शांति तथा स्थिरता पर ‘ग्लोबल साउथ’ की आकांक्षाओं को भी रखा।’
प्रधानमंत्री ने ऊर्जा क्षेत्र में रूस द्वारा भारत की मदद का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि जब दुनिया खाद्य पदार्थों, ईंधन और उर्वरक की कमी का सामना कर रही थी, तब हमने अपने किसानों के सामने कोई समस्या नहीं आने दी और रूस के साथ हमारी दोस्ती ने इसमें भूमिका निभाई। मोदी ने कहा कि ‘आपके सहयोग से हम पेट्रोल और डीजल की उपलब्धता के मामले में भारत के आम नागरिकों को मुश्किलों से बचा सके।’
मोदी ने कहा, ‘हम चाहते हैं कि रूस के साथ हमारा सहयोग और बढ़े।’ प्रधानमंत्री ने आतंकवाद की चुनौतियों को लेकर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, ‘भारत करीब 40 साल से आतंकवाद की चुनौती का सामना कर रहा है। मैं आतंकवाद के सभी स्वरूपों की निंदा करता हूं।’ शिखरवार्ता के बाद मोदी ने पुतिन के साथ वार्ता को सार्थक बताया। उन्होंने कहा, ‘क्रेमलिन में आज राष्ट्रपति पुतिन के साथ अच्छी बातचीत हुई। हमारी बातचीत में व्यापार, वाणिज्य, सुरक्षा, कृषि, प्रौद्योगिकी और नवाचार जैसे क्षेत्रों में भारत-रूस सहयोग का विस्तार करने के तरीकों पर चर्चा हुई।’
उन्होंने कहा, ‘हम दोनों देशों के बीच संपर्क बढ़ाने को अत्यंत महत्व देते हैं।’ मोदी ने कहा कि दुनिया को पिछले पांच साल में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है जिनमें पहली कोविड-19 की वजह से थी और फिर अनेक संघर्षों के कारण सामने आईं।
इस दौरे के दौरान प्रधानमंत्री मोदी को रूस के सर्वोच्च राजकीय सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोसल’ से सम्मानित किया गया।
मोदी ने पुतिन के साथ रोसेटम पवेलियन का दौरा किया और कहा कि ऊर्जा भारत और रूस के बीच सहयोग का महत्वपूर्ण स्तंभ है तथा नई दिल्ली इस क्षेत्र में मॉस्को के साथ संबंध और मजबूत करने को लेकर आशान्वित है।