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Operation Sindoor के बाद फिर सक्रिय हुआ पाकिस्तान, दोबारा आतंकी ठिकाने बना रहा है ISI; PoK में बन रहे हैं नए कैंप

पाकिस्तान ने ऑपरेशन सिंदूर में तबाह हुए आतंकी कैंपों को फिर से खड़ा करना शुरू कर दिया है और साथ ही ISI की मदद से PoK में नए ठिकानों का विस्तार तेज कर दिया है।

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बीएस वेब टीम   
Last Updated- June 28, 2025 | 3:42 PM IST

पाकिस्तान एक बार फिर आतंकवाद को बढ़ावा देने की कोशिश में जुट गया है। NDTV की एक हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की ऑपरेशन सिंदूर में तबाह हुए आतंकी ठिकानों और ट्रेनिंग कैंपों को पाकिस्तान दोबारा खड़ा करने की कोशिश कर रहा है। इस काम में पाकिस्तान की सेना, खुफिया एजेंसी ISI और सरकारी तंत्र पूरा साथ दे रहे हैं। खास तौर पर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) और नियंत्रण रेखा (LoC) के आसपास के इलाकों में यह गतिविधियां तेज हो रही हैं।

भारतीय खुफिया एजेंसियों को मिली जानकारी के अनुसार, पाकिस्तान अब छोटे-छोटे और हाई-टेक आतंकी ठिकाने बना रहा है। ये ठिकाने घने जंगलों में छिपाए जा रहे हैं ताकि भारत की निगरानी से बचा जा सके। इन नए कैंपों का मकसद मई में भारत के सटीक हमलों में नष्ट हुए आतंकी ढांचे को फिर से खड़ा करना है। इन हमलों में लश्कर-ए-तैयबा (LeT), जैश-ए-मोहम्मद (JeM), हिजबुल मुजाहिदीन और द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) जैसे आतंकी संगठनों के ठिकानों को निशाना बनाया गया था।

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ISI की नई रणनीति और बहावलपुर की बैठक

पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI अब आतंकी ट्रेनिंग नेटवर्क को और फैलाने की रणनीति पर काम कर रही है। पहले बड़े और आसानी से निशाना बनाए जा सकने वाले कैंपों की जगह अब छोटे-छोटे ठिकाने बनाए जा रहे हैं, जहां 200 से कम आतंकी रह सकें। इसका मकसद है कि भविष्य में होने वाले हवाई हमलों में ज्यादा नुकसान न हो। इन ठिकानों को लुनी, पुतवाल, टीपू पोस्ट, जामिल पोस्ट, उमरानवाली, छप्पर फॉरवर्ड, छोटा चक और जंगलोरा जैसे इलाकों में बनाया जा रहा है।

हाल ही में दक्षिणी पंजाब के बहावलपुर में एक अहम बैठक हुई, जो जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ माना जाता है। भारतीय एजेंसियों ने इस बैठक की जानकारी हासिल की, जिसमें JeM, LeT, हिजबुल मुजाहिदीन और TRF के बड़े कमांडरों के साथ-साथ ISI के अधिकारी भी शामिल थे। इस बैठक में आतंकी संगठनों के ढांचे को फिर से संगठित करने, हथियारों और संसाधनों के बंटवारे और पाकिस्तान के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर में भर्ती शुरू करने की योजना बनाई गई। बहावलपुर को ऑपरेशन सिंदूर में भी निशाना बनाया गया था, क्योंकि यह आतंकी संगठनों के लिए रणनीतिक रूप से अहम है।

बता दें कि पहलगाम हमले के बाद भारत ने कड़े कदम उठाए थे। 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान गई थी और दर्जनभर से ज्यादा लोग घायल हुए थे। इस हमले की जिम्मेदारी TRF ने ली थी, लेकिन बाद में उसने अपना बयान वापस ले लिया। इसके जवाब में भारत ने कई बड़े कदम उठाए। भारत ने 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया। साथ ही पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा सेवाएं रोक दीं, पहले से जारी वीजा रद्द किए और राजनयिकों को छोड़कर बाकी सभी को देश से निकाल दिया। अटारी सीमा चौकी को बंद कर दिया गया और दोनों देशों के राजनयिक मिशनों को छोटा किया गया। इसके अलावा, भारत ने पाकिस्तान के आधिकारिक X हैंडल को ब्लॉक कर दिया और 16 पाकिस्तानी यूट्यूब चैनलों, जैसे डॉन न्यूज और जियो न्यूज आदि, पर प्रतिबंध लगा दिया।

7 मई को हुए ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना ने पाकिस्तान की सीमा में घुसकर नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए। इनमें JeM और LeT के ठिकाने मुख्य निशाने थे। जवाब में पाकिस्तान ने LoC पर गोलीबारी की और ड्रोन हमलों की कोशिश की। भारत ने इसका मुंहतोड़ जवाब देते हुए पाकिस्तान के नूर खान एयर बेस और रहीम यार खान एयरबेस जैसे सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया।

First Published : June 28, 2025 | 3:35 PM IST