अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के एक फैसले से भारत समेत कई देशों में आटसोर्सिंग के क्षेत्र में लाखों नौकरियों की भेंट चढ़ सकती है।
ओबामा चाहते हैं कि अमेरिकी कंपनियां आउटसोर्सिंग के लिए बेंगलुरु जैसी जगहों पर न जाकर देश के ही किसी शहर से अपना कामकाज चलाएं और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के मौके मुहैया कराएं। पहले से ही वैश्विक मंदी की मार झेल रहे इस उद्योग के लिए ताजा अमेरिकी फरमान भारत और चीन में लाखों लोगों को बेरोजगार करेगा।
ओबामा ने आउटसोर्सिंग विरोधी अपनी नीति को आगे बढ़ाते हुए नए प्रस्ताव में बेंगलुरु जैसी जगहों पर रोजगार सृजन करने वाली अमेरिकी कंपनियों को वर्षों से मिल रहीं कर रियायतें खत्म करने की बात कही।
रियायतें अब उन कंपनियों को मिलेंगी जो अमेरिका में बफालो जैसे शहरों में रोजगार का सृजन करेंगी। भारत जैसे देशों पर इसका बहुत प्रतिकूल असर पड़ेगा जहां पर लाखों लोग आउटसोर्सिंग के जरिये अपनी आजीविका चला रहे हैं।
बीपीओ दुखी
आउटसोर्स कराने वाली कंपनियों को नहीं मिलेगी कर में राहत
भारत और चीन जैसे देशों को उठाना पड़ सकता है भारी नुकसान
अमेरिका में काम कराने वाली कंपनियों को दी जाएगी राहत
