भारत में अधिक निवेश पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को भारत की विकास यात्रा में जापानी योगदान का जश्न मनाने के लिए ‘जापान सप्ताह’ का प्रस्ताव रखा। मोदी ने टोक्यो में जापानी कारोबारी नेताओं के साथ एक गोलमेज बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें 34 जापानी कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों एवं सीईओ ने भाग लिया। इनमें से अधिकांश कंपनियों का भारत में निवेश और संचालन है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि इन कंपनियों में वाहन, इलक्ट्रॉनिक्स, सेमीकंडक्टर, इस्पात, प्रौद्योगिकी, व्यापार तथा बैंकिंग और वित्त सहित विभिन्न क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व था। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि भारत और जापान स्वाभाविक साझेदार हैं। उन्होंने भारत-जापान संबंधों की अपार संभावनाओं के ध्वजवाहक के रूप में कारोबारी समुदाय की सराहना की। उन्होंने याद किया कि मार्च 2022 में जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा की भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों ने अगले पांच वर्षों में 5,000 अरब जापानी येन के निवेश का महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य तय किया था।
मोदी ने भारत-जापान औद्योगिक प्रतिस्पर्धात्मकता भागीदारी (आईजेआईसीपी) और स्वच्छ ऊर्जा भागीदारी जैसी पहलों का उल्लेख भी किया। उन्होंने राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन (एनआईपी), उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना और सेमीकंडक्टर नीति जैसी पहलों के बारे में बात की और भारत के मजबूत स्टार्टअप परिवेश पर भी प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री ने कहा कि वैश्विक एफडीआई में मंदी के बावजूद भारत ने पिछले वित्त वर्ष में 84 अरब अमेरिकी डॉलर की रिकॉर्ड विदेशी निवेश जुटाया।
उन्होंने इसे भारत की आर्थिक क्षमता पर भरोसे का प्रतीक बताया। विज्ञप्ति के मुताबिक, ‘प्रधानमंत्री मोदी ने भारत में जापानी कंपनियों को अधिक भागीदारी के लिए आमंत्रित किया और भारत की विकास यात्रा में जापान के योगदान को ‘जापान सप्ताह’ के रूप में मनाने का प्रस्ताव रखा।’ बैठक में होंडा मोटर कंपनी, टोयोटा मोटर कॉरपोरेशन, सुजूकी मोटर कॉरपोरेशन, सुमितोमो केमिकल कंपनी, कावासाकी हेवी इंडस्ट्रीज, फुजित्सु, निप्पॉन स्टील कॉरपोरेशन और मित्सुबिशी कॉरपोरेशन जैसी प्रमुख कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों ने भाग लिया।
भारत और जापान के प्रमुख व्यापारिक निकाय और संगठन जैसे किडनरेन, जापान विदेश व्यापार संगठन (जेट्रो), जापान इंटरनैशनल कोऑपरेशन एजेंसी (जेआईसीए), जापान बैंक फॉर इंटरनैशनल कोऑपरेशन (जेबीआईसी), जापान-भारत व्यापारिक परामर्श समिति (जेआईबीसीसी) और इन्वेस्ट इंडिया भी बैठक में शामिल हुए।
भारत में निवेश पर चर्चा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सॉफ्टबैंक कॉरपोरेशन के संस्थापक और सीईओ मासायोशी सोन से मुलाकात की और उनके साथ भारतीय प्रौद्योगिकी, ऊर्जा, वित्त और अनुसंधान एवं विकास जैसे क्षेत्रों में निवेश की संभावनाओं पर चर्चा की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट किया, ‘भारत में जापानी निवेश को और बढ़ावा दिया जा रहा है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सॉफ्टबैंक समूह के संस्थापक मासायोशी सोन से मुलाकात की और भारत के स्टार्टअप क्षेत्र में सॉफ्टबैंक की भूमिका की सराहना की।’ उन्होंने आगे कहा, ‘इस दौरान भारत में प्रौद्योगिकी, ऊर्जा, वित्त, अनुसंधान एवं विकास आदि क्षेत्रों में सॉफ्टबैंक द्वारा भविष्य में भागीदारी पर चर्चा हुई।’
भारत और जापान नैसर्गिक सहयोगी: प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को प्रवासी भारतीयों से कहा कि भारत ने मजबूत, लचीले एवं जिम्मेदार लोकतंत्र की अपनी पहचान को बीते आठ साल में लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव का माध्यम बनाया है। उन्होंने कहा कि दुनिया को हिंसा, अराजकता, आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियों से मानवता को बचाने के लिए बुद्ध के दिखाए रास्ते पर चलने की जरूरत है। टोक्यो में प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, ‘जापान से हमारा रिश्ता सामथ्र्य, सम्मान और विश्व के लिए साझे संकल्प का है। जापान से हमारा रिश्ता बुद्ध, बोध, ज्ञान, ध्यान का है।’ उन्होंने कहा, ‘भारत और जापान नैसर्गिक सहयोगी हैं। भारत की विकास यात्रा में जापान की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है। जापान से हमारा रिश्ता आत्मीयता का है, आध्यात्म का है, सहयोग का है, अपनेपन का है।’ मोदी ने कहा कि हमारे क्षमता निर्माण में जापान एक अहम भागीदार है। उन्होंने कहा कि मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल हो, दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारा हो, समर्पित माल गलियारा हो, ये भारत-जापान के सहयोग के बहुत बड़े उदाहरण हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने एक मजबूत और लचीले एवं जिम्मेदार लोकतंत्र की पहचान बनाई है और उसे बीते आठ साल में हमने लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव का माध्यम बनाया है। मोदी ने कहा, ‘भारत में आज सही मायने में लोकोन्मुखी प्रशासन काम कर रहा है।’
