भारत और सऊदी अरब निर्माणाधीन वेस्ट कोस्ट रिफाइनरी परियोजना की प्रगति की समीक्षा के लिए संयुक्त निगरानी समिति स्थापित करने पर सहमत हो गए हैं। दोनों देश 100 अरब डॉलर निवेश की योजना को आगे बढ़ाने के लिए संयुक्त कार्य बल गठित करने पर भी राजी हो गए हैं। सऊदी अरब ने फरवरी 2019 में यह निवेश करने की घोषणा की थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को सऊदी अरब के प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन सलमान के साथ द्विपक्षीय बैठक की। सलमान दूसरी बार भारत की यात्रा पर आए हैं। दोनों नेताओं ने हैदराबाद हाउस में भारत-सऊदी अरब रणनीतिक साझेदारी परिषद पर भी पहली बैठक की। दोनों पक्षों ने दुर्लभ खनिज, अंतरिक्ष, सेमीकंडक्टर और वित्त-तकनीक जैसे क्षेत्रों में भी आपसी सहयोग बढ़ाने पर विचार किया।
उधर निवेश की सुविधा के लिए सऊदी अरब गुजरात इंटरनैशनल फाइनैंस टेक सिटी (गिफ्ट) में अपने सॉवरिन वेल्थ फंड का कार्यालय खोलने पर विचार करेगा। निवेश मंत्री खालिद ए अल फलीह ने कहा कि वह संभावना तलाशने के लिए गिफ्ट सिटी में प्रतिनिधिमंडल भेजेंगे।
ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग
दोनों देशों ने हाइड्रोकार्बन क्षेत्र में साझेदारी का विस्तार कर इसे व्यापक ऊर्जा साझेदारी में बदलने का निर्णय लिया है। दोनों देशों ने सहमति के मसौदे पर हस्ताक्षर किए। मसौदे में अक्षय ऊर्जा, ऊर्जा क्षमता, हाइड्रोजन व बिजली क्षेत्र में सहयोग करने का जिक्र है।
दोनों देशों के बीच संभावित ग्रिड संपर्क भी तैयार करने पर जोर दिया गया है। यह मसौदा इन क्षेत्रों में द्विपक्षीय निवेश को भी प्रोत्साहित करता है। ग्रिड संपर्क पर दोनों देशों के बीच अलग से एक समझौते को अंतिम रूप देने पर काम चल रहा है। सऊदी पक्ष के जोर देने के बाद दोनों देशों ने रुकी वेस्ट कोस्ट रिफाइनरी परियोजना को पूरा समर्थन देने का वादा किया।