विदेश मंत्री एस. जयशंकर | फाइल फोटो
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को अपने ईरानी समकक्ष सैयद अब्बास अरागची से बात की और ईरान व इजरायल के बीच 12 दिनों तक चले युद्ध के बाद उभरी स्थिति पर चर्चा की।
विदेश मंत्री जयशंकर ने ईरान से सैकड़ों भारतीयों को निकालने में तेहरान की सहायता के लिए अरागची को धन्यवाद भी दिया। जयशंकर ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, ‘आज दोपहर ईरान के विदेश मंत्री अरागची से बात की। मौजूदा जटिल स्थिति में ईरान के दृष्टिकोण और सोच को साझा करने के लिए उनकी सराहना करता हूं।’
उन्होंने कहा, ‘भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकालने में मदद करने के लिए उनका धन्यवाद दिया।’
केंद्रीय विदेश मंत्री ने पाकिस्तान का नाम लिये बिना कहा कि शांघाई सहयोग संगठन के रक्षा मंत्रियों की बैठक के घोषणापत्र में भारत आतंकवाद का उल्लेख चाहता था लेकिन एक सदस्य देश को यह स्वीकार्य नहीं था। जयशंकर ने कहा कि इस मामले पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का दृष्टिकोण सही था क्योंकि एससीओ का मुख्य उद्देश्य आतंकवाद से लड़ना है और इस संदर्भ के बिना सिंह ने परिणामी दस्तावेज को स्वीकार करने से इनकार कर दिया। जयशंकर ने सिंह के रुख के बारे में पूछे जाने पर कहा कि आम सहमति से चलने वाले एससीओ का उद्देश्य आतंकवाद से लड़ना है।