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Indus Water Treaty: भारत ने सिंधु जल संधि में बदलाव की मांग की, पाकिस्तान को औपचारिक नोटिस भेजा

यह नोटिस संधि के अनुच्छेद XII(3) के तहत जारी किया गया है, जिसमें दोनों देशों के बीच समझौते से संधि के प्रावधानों में बदलाव किया जा सकता है।

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एजेंसियां   
Last Updated- September 18, 2024 | 5:49 PM IST

भारत ने 60 साल पुरानी सिंधु जल संधि में संशोधन की मांग करते हुए पाकिस्तान को औपचारिक नोटिस भेजा है। किशनगंगा और रतले जलविद्युत परियोजनाओं को लेकर चल रहे विवादों के चलते भारत ने यह कदम उठाया है।

सिंधु जल संधि के तहत, सिंधु, झेलम और चिनाब नदियों का पानी पाकिस्तान को मिलता है, जबकि भारत को रावी, ब्यास और सतलुज नदियों का अधिकार है। साथ ही, भारत को ‘रन-ऑफ-द-रिवर’ परियोजनाओं से बिजली उत्पादन का भी अधिकार है।

सूत्रों के मुताबिक, भारत ने 30 अगस्त 2024 को पाकिस्तान को औपचारिक नोटिस देकर संधि की समीक्षा और संशोधन की मांग की। यह नोटिस संधि के अनुच्छेद XII(3) के तहत जारी किया गया है, जिसमें दोनों देशों के बीच समझौते से संधि के प्रावधानों में बदलाव किया जा सकता है।

भारत ने अपनी नोटिस में कई अहम मुद्दों पर ध्यान दिया है, जैसे जनसंख्या में बदलाव, पर्यावरणीय चुनौतियां, स्वच्छ ऊर्जा के विकास की आवश्यकता और सीमा पार आतंकवाद का प्रभाव। इन सभी मुद्दों को ध्यान में रखते हुए भारत ने संधि की समीक्षा की मांग की है।

इस मामले में विश्व बैंक ने तटस्थ विशेषज्ञ और मध्यस्थता अदालत दोनों को सक्रिय कर दिया है। भारत ने संधि के विवाद निपटान तंत्र पर भी पुनर्विचार की जरूरत जताई है और पाकिस्तान से अनुच्छेद XII(3) के तहत बातचीत शुरू करने का आह्वान किया है। (ANI केइनपुट के साथ)

First Published : September 18, 2024 | 5:49 PM IST