Prime Minister Narendra Modi (File Photo)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर की आज गुरुवार को मुलाकात होने जा रही है, जहां दोनों देश लंबे समय से चल रही फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर औपचारिक रूप से दस्तखत करेंगे। ये डील दोनों देशों के आपसी रिश्तों में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।
इस एग्रीमेंट पर साइनिंग सेरेमनी ब्रिटिश प्रधानमंत्री के कंट्री हाउस Chequers में होगी, जो लंदन से करीब दो घंटे की दूरी पर बकिंघमशायर की Chiltern Hills में स्थित एक ऐतिहासिक 16वीं सदी का बंगला है। यही पर भारत और ब्रिटेन के बीच सालों से चली आ रही बातचीत अब फाइनल होने वाली है।
PM मोदी ने अपनी यात्रा से पहले कहा, “मैं 23 से 26 जुलाई तक UK और मालदीव की यात्रा पर जा रहा हूं। भारत और UK के बीच एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी है, जिसमें बीते कुछ सालों में काफी तरक्की हुई है। हमारा सहयोग ट्रेड, इन्वेस्टमेंट, टेक्नोलॉजी, इनोवेशन, डिफेंस, एजुकेशन, रिसर्च, हेल्थ, सस्टेनेबिलिटी और लोगों के आपसी रिश्तों जैसे कई सेक्टर में है।”
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल, कॉमर्स डिपार्टमेंट के सीनियर अधिकारी जैसे स्पेशल सेक्रेटरी और चीफ नेगोशिएटर एल सत्य श्रीनिवास, इंडस्ट्री सेक्रेटरी अमरदीप सिंह भाटिया और एक हाई पावर बिजनेस डेलीगेशन पहले ही लंदन पहुंच चुके हैं।
भारतीय कारोबारियों का 16-सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल इसमें शामिल है, जिसमें भारती एंटरप्राइजेज के चेयरमैन सुनील भारती मित्तल, एस्सार ग्रुप के CEO प्रशांत रूइया, महिंद्रा ग्रुप के CEO और MD अनीश शाह, ओयो के फाउंडर और CEO रितेश अग्रवाल और CII के डायरेक्टर जनरल चंद्रजीत बनर्जी जैसे नाम शामिल हैं। इन्हें UK के टॉप एक्सिक्यूटिव्स के साथ मीटिंग करनी है, जिसमें दोनों देशों के बीच कॉमर्शियल रिलेशन और मजबूत करने पर चर्चा होगी।
पीयूष गोयल और ब्रिटेन के बिजनेस एंड ट्रेड सेक्रेटरी जोनाथन रेनॉल्ड्स गुरुवार को इस समझौते पर हस्ताक्षर कर सकते हैं। इसके अगले दिन दोनों देशों के व्यापारिक प्रतिनिधियों के बीच B2B समिट होगी, जिसमें इस डील के फायदे और नए मौके तलाशे जाएंगे।
इस डील का टाइमिंग भी काफी अहम है, क्योंकि भारत अमेरिका के साथ भी ट्रेड डील को अंतिम रूप देने के करीब है। ऐसे समय में जब दुनिया में जियोपॉलिटिकल टेंशन बढ़ रहा है, ये डील भारत के लिए रणनीतिक रूप से फायदेमंद मानी जा रही है।
FTA को भारत की कैबिनेट से मिल चुकी है मंजूरी, यानी अब देश में इसे लागू करना बस एक औपचारिकता है। हालांकि, ब्रिटेन में इसे लागू करने के लिए संसद की मंजूरी जरूरी होगी। एक बार ये डील लागू हो गई तो दोनों देशों को इसके काफी फायदे मिल सकते हैं।
इस समझौते के तहत:
भारत से ब्रिटेन को होने वाले एक्सपोर्ट पर लगने वाले करीब 99% टैरिफ हट जाएंगे।
भारत भी 90% टैरिफ लाइनों पर शुल्क कम या खत्म करेगा, जिनमें से 85% अगले 10 साल में पूरी तरह ड्यूटी-फ्री हो जाएंगी।
इससे भारत के लिए ब्रिटिश मार्केट में एक्सपोर्ट करना सस्ता और आसान होगा, जिससे हमारे उत्पाद ज्यादा प्रतिस्पर्धी बनेंगे।
FIEO के अध्यक्ष एस सी रल्हन के मुताबिक, ये डील भारत में टेक्सटाइल, लेदर और ज्वेलरी जैसे लेबर-इंटेंसिव सेक्टर्स में नौकरियों की संभावनाएं बढ़ा सकती है और बाइलेटरल इन्वेस्टमेंट फ्लो को भी बूस्ट मिलेगा।
GJEPC के चेयरमैन किरीट भंसाली, जो भारतीय डेलीगेशन का हिस्सा भी हैं, का कहना है कि भारत से जेम्स और ज्वेलरी का एक्सपोर्ट अगले साल $7 बिलियन तक पहुंच सकता है, यानी लगभग तीन गुना बढ़ने की संभावना है। उन्होंने बताया कि खासतौर पर स्टडेड ज्वेलरी की डिमांड बढ़ेगी।
इसके बदले भारत ब्रिटेन से गोल्ड, सिल्वर और प्लेटिनम इम्पोर्ट कर सकता है, लेकिन इस पर कुछ कैप यानी लिमिट्स लगाई जाएंगी।
FY24 में भारत और UK के बीच कुल व्यापार $55 बिलियन से ज्यादा का रहा। ब्रिटेन भारत का छठा सबसे बड़ा निवेशक है, जिसकी कुल इन्वेस्टमेंट $36 बिलियन तक पहुंच चुकी है। वहीं भारत ने भी अब तक UK में करीब $20 बिलियन का निवेश किया है।