सूत्रों ने पीटीआई को बताया कि एक भारतीय टेक्निकल टीम न्यूयॉर्क में है। (Representational Image)
भारत ने पहलगाम हमले में कथित संलिप्तता के लिए लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के प्रॉक्सी संगठन ‘द रेसिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) को यूनाइटेड नेशंस की प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों की लिस्ट में शामिल कराने के प्रयास तेज कर दिए हैं। इन प्रयासों के अंतर्गत भारत के एक प्रतिनिधिमंडल ने यहां यूनाइटेड नेशंस काउंटर टेरेरिज्म ऑफिस (UNOCT) और आतंकवाद निरोधक समिति के कार्यकारी निदेशालय के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की।
पहलगाम हमले की जिम्मेदारी ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने ली थी। TRF यूनाइटेड नेशंस की ओर से प्रतिबंधित पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का एक प्रॉक्सी संगठन है। बता दें, यह कदम जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए भीषण आतंकवादी हमले और उसके जवाब में भारत द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी बुनियादी ढांचे को निशाना बनाकर शुरू किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की पृष्ठभूमि में उठाया गया है।
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सूत्रों ने पीटीआई को बताया कि एक भारतीय टेक्निकल टीम न्यूयॉर्क में है और उसने बुधवार को यूनाइटेड नेशंस में ‘1267 सेंक्शन कमिटी’ की निगरानी टीम और अन्य साझेदार देशों के साथ बातचीत की। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र आतंकवाद निरोधक कार्यालय (UNOCT) और आतंकवाद निरोधक समिति कार्यकारी निदेशालय (CTED) से भी मुलाकात की।
UNOCT और CTED की ओर से पीटीआई को दी गई जानकारी के मुताबिक, भारतीय टीम के साथ बुधवार को हुई बैठक में यूनाइटेड नेशंस के अंडर सेक्रेट्री जनरल व्लादिमीर वोरोनकोव (आतंकवाद-निरोधक कार्यालय) और असिस्टेंट सेक्रेट्री जनरल नतालिया घेरमन (CTED) ने “भारत गणराज्य की सरकार के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ मुलाकात की।”
यूनाइटेड नेशंस में भारत का यह प्रयास संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के बाद भी आया है, जिसमें सदस्यों ने पहलगाम हमले की “कड़ी निंदा” की थी, लेकिन TRF को हमले के लिए जिम्मेदार समूह के रूप में उल्लेख नहीं किया था।
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वोरोनकोव और घेरमन ने 22 अप्रैल के हमले पर शोक व्यक्त किया। विज्ञप्ति में कहा गया है, “भारतीय प्रतिनिधिमंडल के साथ हुई चर्चा सीटीईडी और यूएनओसीटी के साथ उनके संबंधित जनादेशों के भीतर चल रहे सहयोग पर केंद्रित थी, विशेष रूप से प्रमुख सुरक्षा परिषद आतंकवाद-निरोधक प्रस्तावों और संयुक्त राष्ट्र वैश्विक आतंकवाद-निरोधक रणनीति के कार्यान्वयन के समर्थन में।”
इसमें कहा गया है कि सहयोग के प्रमुख क्षेत्रों में भारत द्वारा समर्थित यूएनओसीटी के नेतृत्व वाली तकनीकी क्षमता-निर्माण पहलें शामिल हैं, जैसे कि साइबर सुरक्षा, आतंकवादी यात्रा का मुकाबला करना, आतंकवाद पीड़ितों का समर्थन करना और आतंकवाद की फंडिंग का मुकाबला करना।