हमले के बाद मौके पर जाते सुरक्षा बल के जवान | फोटो: PTI
Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार दोपहर हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। खूबसूरत बाइसरण घास के मैदान में आतंकियों ने अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसमें 26 पर्यटकों के मारे जाने की आशंका है। कम से कम 20 लोग घायल भी हुए हैं। यह हमला उस समय हुआ जब सैकड़ों पर्यटक वहां पिकनिक मना रहे थे, घुड़सवारी कर रहे थे और प्रकृति का आनंद ले रहे थे। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इसे हाल के वर्षों में नागरिकों पर सबसे बड़ा हमला बताया।
हमला दोपहर करीब 3 बजे हुआ, जब आतंकी बाइसरण घास के मैदान में पहुंचे। यह जगह पहलगाम से करीब 6 किलोमीटर दूर है और इसे ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ के नाम से भी जाना जाता है। घने जंगलों और पहाड़ों से घिरा यह मैदान पर्यटकों और ट्रैकर्स के बीच बहुत लोकप्रिय है। अधिकारियों के अनुसार, आतंकियों ने वहां मौजूद पर्यटकों पर अचानक गोलियां चलानी शुरू कर दीं। हमले से अफरा-तफरी मच गई और लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। खुले मैदान में छिपने की कोई जगह नहीं थी, जिससे कई लोग घायल हो गए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हमले की कड़ी निंदा की और इसे ‘जघन्य’ करार दिया। सऊदी अरब की यात्रा पर गए पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “पहलगाम में हुए आतंकी हमले की मैं कड़े शब्दों में निंदा करता हूं। जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया, उनके प्रति मेरी संवेदनाएं। मैं घायलों के जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं। प्रभावित लोगों को हर संभव मदद दी जा रही है। इस जघन्य कृत्य के पीछे जो लोग हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई अटल है और यह और मजबूत होगी।”
केंद्र सरकार ने तुरंत कार्रवाई शुरू की। गृह मंत्री अमित शाह ने पीएम को घटना की जानकारी दी और श्रीनगर के लिए रवाना हो गए। शाह ने एक्स पर लिखा, “पहलगाम में पर्यटकों पर आतंकी हमले से मैं दुखी हूं। मृतकों के परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। इस कायराना हमले के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और उन्हें कठोर सजा दी जाएगी।” श्रीनगर में वह सभी एजेंसियों के साथ एक उच्च स्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक करेंगे।
हमले के बाद बाइसरण में भयावह दृश्य देखने को मिले। एक महिला पर्यटक ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया, “मेरे पति के सिर में गोली लगी और सात अन्य लोग भी घायल हुए।” उसने अपनी पहचान नहीं बताई, लेकिन घायलों को अस्पताल ले जाने की गुहार लगाई। एक अन्य पर्यटक ने बताया कि गोलियां चलते ही लोग इधर-उधर भागने लगे, लेकिन खुले मैदान में छिपने की कोई जगह नहीं थी।
सोशल मीडिया पर वायरल हुए कथित वीडियो में खून से लथपथ लोग और रोती-बिलखती महिलाएं दिखाई दीं, हालांकि इनकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई। स्थानीय लोगों ने घायलों को घोड़ों पर लादकर मैदान से नीचे लाने में मदद की। सेना, सीआरपीएफ और स्थानीय पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और घायलों को निकालने के लिए हेलिकॉप्टर की मदद ली गई। कुछ घायलों को पहलगाम के स्थानीय अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हमले को ‘अमानवीय’ बताया और कहा, “मैं स्तब्ध हूं। हमारे मेहमानों पर यह हमला घृणित है। इस हमले के अपराधी पशुओं से भी बदतर हैं। कोई भी निंदा इसके लिए काफी नहीं है। मैं मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं।” उन्होंने मृतकों की संख्या की पुष्टि से इनकार किया और कहा कि स्थिति स्पष्ट होने पर आधिकारिक जानकारी दी जाएगी।
हमले के बाद सुरक्षा बलों ने बाइसरण और आसपास के इलाकों में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया। सेना की विक्टर फोर्स, स्पेशल फोर्स, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ की 116वीं बटालियन ने संयुक्त ऑपरेशन चलाया। अधिकारियों ने कहा कि आतंकी 3 से 5 मिनट तक गोलीबारी करने के बाद भाग गए। अभी तक सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ की कोई खबर नहीं है।
पहलगाम के नेशनल कॉन्फ्रेंस विधायक अल्ताफ अहमद वानी ने हमले को ‘कायराना’ बताया और कहा, “निर्दोष लोगों को निशाना बनाना इस्लाम की शिक्षाओं के खिलाफ है। इस जघन्य कृत्य के दोषियों को कड़ी सजा दी जाएगी।” उन्होंने बताया कि हमला पहलगाम बस स्टैंड से 5 किलोमीटर दूर एक अप्रत्याशित जगह पर हुआ, जहां लोग ट्रैकिंग और घुड़सवारी के लिए जाते हैं।
यह हमला तब हुआ है, जब कश्मीर में पर्यटकों की संख्या में भारी इजाफा हुआ है। वर्षों तक उग्रवाद से जूझने के बाद कश्मीर पर्यटकों के लिए फिर से पसंदीदा जगह बन रहा था। बाइसरण, जो ट्रैकर्स और फिल्म निर्माताओं के बीच मशहूर है, अब खौफ का पर्याय बन गया। हमले के बाद पहलगाम में सन्नाटा पसर गया और कई पर्यटक वहां से चले गए।
यह हमला अमरनाथ यात्रा से कुछ हफ्ते पहले हुआ है, जो 3 जुलाई से शुरू होगी। 38 दिन की इस यात्रा में पहलगाम मार्ग का इस्तेमाल होता है। हमले ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं। सूत्रों के अनुसार, यह फरवरी 2019 के पुलवामा हमले के बाद कश्मीर का सबसे बड़ा आतंकी हमला हो सकता है, जिसमें 47 सीआरपीएफ जवान शहीद हुए थे।
सूत्रों के अनुसार, लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने हमले की जिम्मेदारी ली है। टीआरएफ ने कश्मीर में पर्यटन को बाधित करने के लिए गैर-कश्मीरियों को निशाना बनाने की बात कही है। हालांकि, आधिकारिक पुष्टि बाकी है।
देश भर के नेताओं ने हमले की निंदा की है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस जयशंकर और जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इसे ‘कायराना’ और ‘अमानवीय’ बताया। सभी ने एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई और दोषियों को सजा देने की बात कही।