Prime Minister Narendra Modi with his Fijian counterpart Sitiveni Rabuka
India Fiji Relations: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि भारत और फिजी रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में आपसी सहयोग को और गहरा करेंगे। फिजी के प्रधानमंत्री सिटिवेनी लिगामामाडा राबुका के साथ हुई विस्तृत बातचीत के बाद पीएम मोदी ने बताया कि इस साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए एक एक्शन प्लान तैयार किया गया है।
संयुक्त प्रेस वार्ता में पीएम मोदी ने कहा, “हमने रक्षा और सुरक्षा क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करने का फैसला किया है। फिजी की समुद्री सुरक्षा को सशक्त बनाने के लिए भारत ट्रेनिंग और उपकरण उपलब्ध कराएगा। साथ ही साइबर सुरक्षा और डेटा प्रोटेक्शन के क्षेत्र में भी अनुभव साझा किया जाएगा। हम मानते हैं कि आतंकवाद पूरी मानवता के लिए एक बड़ी चुनौती है।”
भारत और फिजी के बीच बैठक के दौरान सात अहम समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। पीएम मोदी ने कहा कि फिजी की राजधानी सुवा में 100 बिस्तरों वाला सुपर स्पेशलिटी अस्पताल बनाया जाएगा। इसके अलावा डायलिसिस यूनिट्स, सी एम्बुलेंस और जन औषधि केंद्र भी स्थापित किए जाएंगे ताकि सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाइयां लोगों तक पहुंच सकें। सुवा में जयपुर फुट कैंप भी आयोजित किया जाएगा।
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पीएम मोदी ने कहा कि भारत और फिजी मिलकर ऐसा विश्व व्यवस्था बनाने के साझेदार हैं, जिसमें ग्लोबल साउथ की आज़ादी, विचार और पहचान का सम्मान हो। उन्होंने याद दिलाया कि 2014 में 33 साल बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने फिजी का दौरा किया था और उसी समय FIPIC (फोरम फॉर इंडिया पैसिफिक आइलैंड कोऑपरेशन) की नींव रखी गई थी।
उन्होंने आगे कहा, “जलवायु परिवर्तन फिजी के लिए बड़ी चुनौती है। भारत नवीकरणीय ऊर्जा, खासकर सोलर ऊर्जा में मिलकर काम कर रहा है। हम इंटरनेशनल सोलर अलायंस, कोएलिशन फॉर डिजास्टर रेजिलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर और ग्लोबल बायोफ्यूल्स अलायंस के तहत साथ हैं। अब भारत फिजी की आपदा प्रबंधन क्षमता बढ़ाने में भी मदद करेगा।”
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फिजी के प्रधानमंत्री राबुका रविवार को तीन दिन की यात्रा पर भारत पहुंचे। उनके साथ स्वास्थ्य मंत्री राटु एंटोनियो लालाबालावु और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी आए हैं। यह उनकी भारत यात्रा बतौर प्रधानमंत्री पहली बार है।
भारत और फिजी के बीच ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रिश्ते गहरे हैं। 1879 में ब्रिटिश शासनकाल के दौरान भारतीय मजदूरों को गिरमिटिया व्यवस्था के तहत फिजी ले जाया गया था, जिससे दोनों देशों के बीच मानवीय और सांस्कृतिक जुड़ाव बना।