भारत ने सेवा क्षेत्र से जुड़े एक मामले के निपटान को लेकर विश्व व्यापार संगठन (WTO) नियमों के तहत ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मध्यस्थता कार्यवाही की मांग की है। उसका कहना है कि इससे भारत के सेवा क्षेत्र में व्यापार पर असर पड़ सकता है। एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।
भारत पहले ही इस मामले में मध्यस्थता के अपने अनुरोध के संबंध में विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) को जानकारी दे चुका है। ऑस्ट्रेलिया ने 17 नवंबर, 2023 को सेवाओं से जुड़े घरेलू नियमन से संबंधित अतिरिक्त प्रतिबद्धताओं को शामिल करने के लिए गैट्स (सेवाओं में व्यापार पर सामान्य समझौता) के तहत विशिष्ट प्रतिबद्धताओं की अपनी अनुसूची को संशोधित करने के बारे में डब्ल्यूटीओ सचिवालय को सूचना दी थी।
गैट्स डब्ल्यूटीओ समझौता वह है जो 1995 में लागू हुआ। भारत 1995 से जिनेवा स्थित संगठन का सदस्य है। डब्ल्यूटीओ वैश्विक व्यापार नजर रखने वाला निकाय है और सदस्य देशों के बीच व्यापार विवादों का निपटारा करता है।
अधिकारी ने कहा कि ‘प्रभावित सदस्य’ के रूप में, भारत ने कहा है कि ऑस्ट्रेलिया अपनी विशिष्ट प्रतिबद्धताओं में अपेक्षित संशोधन के तहत कुछ शर्तों को पूरा नहीं करता है।
अधिकारी ने कहा, ‘‘इसके बाद… भारत और ऑस्ट्रेलिया ने एक समझौते पर पहुंचने के उद्देश्य से बातचीत शुरू की। इन वार्ताओं को समाप्त करने की अवधि आपसी सहमति से 19 अप्रैल, 2024 तक बढ़ा दी गई थी। हालांकि, कोई समझौता नहीं हो सका। ऐसे में भारत मामले में ऑस्ट्रेलिया के साथ मध्यस्थता कार्यवाही का अनुरोध करता है।’’ डब्ल्यूटीओ विवादों का निपटान मध्यस्थता प्रक्रिया के जरिये किया जा सकता है।