श्रीलंका में घोर आर्थिक संकट के बीच सोमवार को प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इस घटनाक्रम से कुछ घंटे पहले महिंदा राजपक्षे के समर्थकों द्वारा राष्ट्रपति गोटाभाया राजपक्षे के कार्यालय के बाहर प्रदर्शनकारियों पर हमला करने के बाद राजधानी कोलंबो में सेना के जवानों को तैनात किया गया था। इस हमले में कम से कम 130 लोग घायल हो गए। अधिकारियों ने राष्ट्रव्यापी कफ्र्यू लगा दिया है। महिंदा राजपक्षे (76) ने राष्ट्रपति गोटाभाया राजपक्षे को अपना इस्तीफा पत्र भेजा। महिंदा ने ट्वीट किया, ‘मैंने तत्काल प्रभाव से राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा सौंप दिया है।’
प्रधानमंत्री महिंदा ने अपने त्याग पत्र में कहा कि वह सर्वदलीय अंतरिम सरकार के गठन का मार्ग प्रशस्त करने के लिए पद छोड़ रहे हैं। उन्होंने अपने इस्तीफा पत्र में लिखा, ‘मैं (आपको) सूचित करना चाहता हूं कि मैंने तत्काल प्रभाव से प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने का निर्णय लिया है। यह 6 मई को हुई कैबिनेट की विशेष बैठक में आपके अनुरोध के अनुरूप है, जिसमें आपने कहा था कि आप एक सर्वदलीय अंतरिम सरकार बनाना चाहते हैं।’ उन्होंने कहा कि वह जनता के लिए ‘कोई भी बलिदान’ देने को तैयार हैं। कम से कम दो कैबिनेट मंत्रियों ने भी अपने इस्तीफे की घोषणा की है।
महिंदा राजपक्षे के छोटे भाई और राष्ट्रपति गोटाभाया राजपक्षे के नेतृत्व वाली सरकार पर देश में जारी घोर आर्थिक संकट से निपटने के लिए अंतरिम प्रशासन बनाने का दबाव बनाने के लिए प्रदर्शन किए जा रहे थे। एक पुलिस प्रवक्ता ने स्थानीय मीडिया के हवाले से कहा कि अगले नोटिस तक तत्काल प्रभाव से पूरे श्रीलंका में कफ्र्यू लगा दिया गया है। कानून-व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने में सहायता के लिए सैन्य दल को विरोध स्थल पर तैनात किया गया है। रक्षा सचिव ने देश में शांति बनाए रखने के लिए लोगों से समर्थन का आग्रह किया।