facebookmetapixel
सीतारमण बोलीं- GST दर कटौती से खपत बढ़ेगी, निवेश आएगा और नई नौकरियां आएंगीबालाजी वेफर्स में 10% हिस्सा बेचेंगे प्रवर्तक, डील की वैल्यूएशन 40,000 करोड़ रुपये तकसेमीकंडक्टर में छलांग: भारत ने 7 नैनोमीटर चिप निर्माण का खाका किया तैयार, टाटा फैब बनेगा बड़ा आधारअमेरिकी टैरिफ से झटका खाने के बाद ब्रिटेन, यूरोपीय संघ पर नजर टिकाए कोलकाता का चमड़ा उद्योगबिज़नेस स्टैंडर्ड के साथ इंटरव्यू में बोलीं सीतारमण: GST सुधार से हर उपभोक्ता को लाभ, मांग में आएगा बड़ा उछालGST कटौती से व्यापारिक चुनौतियों से आंशिक राहत: महेश नंदूरकरभारतीय IT कंपनियों पर संकट: अमेरिकी दक्षिणपंथियों ने उठाई आउटसोर्सिंग रोकने की मांग, ट्रंप से कार्रवाई की अपीलBRICS Summit 2025: मोदी की जगह जयशंकर लेंगे भाग, अमेरिका-रूस के बीच संतुलन साधने की कोशिश में भारतTobacco Stocks: 40% GST से ज्यादा टैक्स की संभावना से उम्मीदें धुआं, निवेशक सतर्क रहेंसाल 2025 में सुस्त रही QIPs की रफ्तार, कंपनियों ने जुटाए आधे से भी कम फंड

पिछले छह दशक में पहली बार घटी चीन की आबादी, देश में जन्म दर घटने का जनसंख्या पर दिखा असर

Last Updated- January 17, 2023 | 11:29 PM IST
India's concern increased due to increase in Kovid in China

पिछले साल छह दशकों में पहली बार चीन की आबादी में गिरावट दर्ज की गई। इससे चीन की आबादी में गिरावट की लंबी अवधि के शुरू होने का संकेत मिलता है जिसका प्रभाव चीन की अर्थव्यवस्था के साथ-साथ दुनिया पर भी दिखेगा। चीन ने बढ़ती बुजुर्गों की आबादी और घटती जन्म दर के बीच पहली बार अपनी आबादी में गिरावट की घोषणा की है।

चीन के राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो के अनुसार, देश में पिछले वर्ष की तुलना में 2022 के अंत में आबादी 8,50,000 कम रही। ब्यूरो ने मंगलवार को बताया कि 1.041 करोड़ लोगों की मौत के मुकाबले 95.6 लाख लोगों के जन्म के साथ देश की आबादी 1.411.75 अरब रह गई। इनमें से 72.206 करोड़ पुरुष और 68.969 करोड़ महिलाएं हैं।

चीन में वर्ष 2016 में ‘एक परिवार एक बच्चा’ नीति खत्म कर दी गई थी। साथ ही देश में परिवार के नाम को आगे बढ़ाने के लिए पुरुष संतान को तरजीह देने का चलन है। इस नीति को खत्म किए जाने के बाद चीन ने परिवारों को एक से अधिक बच्चों के जन्म के लिए प्रोत्साहित किया लेकिन उसे अधिक सफलता नहीं मिल पाई।

चीन के शहरों में बच्चों के पालन-पोषण के अत्यधिक खर्च को इसकी एक वजह बताया जाता है। पूर्वी एशिया के अधिकतर हिस्सों में भी ऐसा दिखता है जहां जन्म दर में तेजी से गिरावट आई है।

भारत में हरेक दस साल बाद जनगणना होती है और 2021 में उसकी जनगणना होनी थी लेकिन वै​श्विक महामारी के कारण उसमें देरी हो रही है। लंबी अव​धि के लिहाज से संयुक्त राष्ट्र का मानना है कि 2050 तक चीन की आबादी में करीब 10.9 करोड़ की कमी आएगी जो 2019 में उसके पिछले अनुमान के मुकाबले तिगुनी गिरावट है।

चीन लंबे समय से दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश रहा है, लेकिन जल्द ही भारत के इसे पीछे छोड़ने की संभावना है। भारत की अनुमानित आबादी अभी 1.4 अरब है और जो लगातार बढ़ रही है।

ब्यूरो के अनुसार, चीन में 16 से 59 साल की उम्र के यानी कामकाजी आयु के कुल 87.556 करोड़ लोग हैं जो देश की कुल आबादी का 62.0 फीसदी है। वहीं 65 वर्ष और उससे अधिक आयु वालों की कुल संख्या 20.978 करोड़ है जो कुल आबादी का 14.9 फीसदी है।

वर्ष 2022 में स्थायी शहरी आबादी 64.6 करोड़ से बढ़कर 92.071 करोड़ हो गई जो कुल आबादी का 65.22 फीसदी है जबकि ग्रामीण आबादी में 73.1 लाख की गिरावट आई।

कोविड-19 महामारी के प्रकोप के कारण जनसंख्या आंकड़ों पर संभावित प्रभाव के बारे में कोई सीधी टिप्पणी नहीं की गई है। संक्रमण का पहला मामला वुहान शहर में सामने आया था।

First Published - January 17, 2023 | 11:11 PM IST

संबंधित पोस्ट