एशिया की अर्थव्यवस्थाओं को अनिवार्य रूप से पहले से कहीं ज्यादा खुलेपन और सुधारों को अपनाना होगा। एशियाई विकास बैंक (एडीबी) के अध्यक्ष मासातो कांडा ने निक्केई से साक्षात्कार में यह बात कही।
जापान की मुद्रा के पूर्व प्रमुख कांडा ने डॉनल्ड ट्रंप के दूसरी बार व्हाइट हाउस लौटने के कुछ समय बाद फरवरी में मनीला स्थित इस बहुपक्षीय ऋणदाता का पदभार संभाला। कांडा ने ट्रंप के पदभार को ‘दुनिया को पूरी तरह से बदल देने वाला’ बताया था। कांडा ने पदभार संभालने के बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग और इटली के प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी सहित कई नेताओं के साथ चर्चा की है।
उन्होंने कहा, ‘उन सभी नेताओं का मानना है कि हमें इस संकट को अधिक मजबूत घरेलू और क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था बनाने के लिए सुधार के अवसर के रूप में उपयोग करना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि एशिया की अर्थव्यवस्थाओं को अमेरिकी बाजार व वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला पर अत्यधिक निर्भरता से दूर विविधता लानी होगी। एशियाई देशों और क्षेत्रों के घरेलू बाजारों को मजबूत करना महत्त्वपूर्ण काम है।
एडीबी ने क्षेत्रीय मजबूती और एकीकरण का समर्थन करने के लिए आसियान पावर ग्रिड की खातिर 10 बिलियन डॉलर तक की प्रतिज्ञा की है – यह दक्षिण पूर्व एशिया में सीमा पार बिजली कनेक्टिविटी और ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाने के उद्देश्य से पहल है। कांडा ने भारत में शहरी आधारभूत परियोजनाओं में 10 अरब डॉलर के अतिरिक्त निवेश करने के बैंक के प्रस्ताव की भी पुष्टि की। इसमें मेट्रो सिस्टम भी हैं।