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श्रीलंका के बंदरगाह पर आ रहा चीन का ‘शोध जहाज’, भारत के बाद अमेरिका ने जताई चिंता

चीनी शोध पोत के अक्टूबर में श्रीलंका में राष्ट्रीय जलीय संसाधन अनुसंधान और विकास एजेंसी (एनएआरए) के साथ अनुसंधान करने की उम्मीद है।

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भाषा   
Last Updated- September 26, 2023 | 7:30 PM IST

एक चीनी शोध पोत की अगले महीने प्रस्तावित श्रीलंका यात्रा को लेकर अमेरिका ने अपनी चिंताओं से द्वीपीय देश को अवगत कराया है। मीडिया में आई खबर में यह जानकारी दी गई है।

खबर के अनुसार इस पोत का दौरा भारत के लिये भी चिंता का सबब हो सकता है जिसने अतीत में चीन के जासूसी पोत के श्रीलंका में ठहरने पर सुरक्षा संबंधी मुद्दा उठाया था।

‘डेली मिरर’ अखबार की सोमवार की खबर के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र के इतर न्यूयॉर्क में श्रीलंकाई विदेश मंत्री अली साबरी से मुलाकात करने वाली अमेरिकी उप विदेश मंत्री विक्टोरिया नूलैंड ने चीनी अनुसंधान पोत ‘शी यान 6’ की आगामी यात्रा के बारे में चिंता जताई।

मंत्री साबरी ने उन्हें बताया कि एक तटस्थ देश के रूप में श्रीलंका ने श्रीलंकाई क्षेत्र में किसी भी गतिविधि को अंजाम देने में विदेशी जहाजों और विमानों द्वारा अपनाई जाने वाली मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) पर काम किया है।

मंत्री ने कथित तौर पर उन्हें बताया कि श्रीलंका ने सभी देशों के लिए इस दृष्टिकोण को समान रखा है और इसके परिणामस्वरूप चीन को इस प्रक्रिया से बाहर नहीं किया जा सकता है। इससे पहले राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने भी कहा था कि विदेशी जहाजों के लिए एसओपी पर काम किया गया है।

चीनी शोध पोत के अक्टूबर में श्रीलंका में राष्ट्रीय जलीय संसाधन अनुसंधान और विकास एजेंसी (एनएआरए) के साथ अनुसंधान करने की उम्मीद है। श्रीलंका के विदेश मंत्रालय ने पिछले महीने कहा था कि वह वर्तमान में चीन के अनुसंधान जहाज को देश में ठहरने की अनुमति देने के उसके अनुरोध पर विचार कर रहा है।

चीन नियमित आधार पर अपने अनुसंधान/निगरानी जहाज श्रीलंका भेजता है। इस साल अगस्त में चीनी पीएलए नेवी का युद्धपोत हाइ यांग 24 एचएओ दो दिवसीय दौरे पर देश में आया था। भारत की चिंताओं के कारण इसके द्वीपीय राष्ट्र पहुंचने में विलंब भी हुआ था।

पिछले साल अगस्त में, चीनी बैलिस्टिक मिसाइल और उपग्रह निगरानी जहाज, ‘युआन वांग 5’ इसी तरह की यात्रा पर दक्षिणी श्रीलंका के हंबनटोटा बंदरगाह पर पहुंचा था। इसे लेकर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। नयी दिल्ली को इस बात की आशंका थी कि श्रीलंकाई बंदरगाह के रास्ते में जहाज की निगरानी प्रणाली भारतीय रक्षा प्रतिष्ठानों पर जासूसी करने का प्रयास कर सकती है।

First Published : September 26, 2023 | 7:30 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)