अगस्त में होने जा रहे सम्मेलन में ब्रिक्स देश करीब 5 नए सदस्यों को इस समूह में शामिल किए जाने पर सहमत हो सकते हैं। इसका आयोजन दक्षिण अफ्रीका कर रहा है। ब्रिक्स समूह का विस्तार लंबे समय से लंबित है।
इस समूह में 25 देश शामिल होने को इच्छुक हैं। इसमें सऊदी अरब का प्रवेश करीब तय है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने नाम न दिए जाने की शर्त पर कहा कि ब्रिक्स में शामिल होने के संभावित अन्य अग्रणी देशों में इंडोनेशिया, संयुक्त अरब अमीरात, मिस्र और अर्जेंटीना शामिल हैं।
ब्रिक्स देशों में अभी ब्राजीज, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं, जिनकी आबादी कुल वैश्विक आबादी की 42 प्रतिशत है। विश्व का 33 प्रतिशत भौगोलिक क्षेत्र और 23 प्रतिशत सकल घरेलू उत्पाद व 18 प्रतिशत व्यापार ब्रिक्स देशों के पास है।
अधिकारी ने कहा, ‘ब्रिक्स का विस्तार अब होना करीब तय है। हमें सावधानी से इसका प्रबंधन करना होगा। 25 देश ब्रिक्स का सदस्य बनने को इच्छुक हैं।’
यह पूछे जाने पर कि ब्रिक्स समूह में कितने देश शामिल किए सकते हैं, अधिकारी ने कहा कि 5 और शामिल हो सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘सऊदी अरब का शामिल होना करीब तय है। संयुक्त अरब अमीरात, मोरक्को और अल्जीरिया बहुत ज्यादा इच्छुक हैं, लेकिन सभी संभवतः पात्र नहीं हैं। इंडोनेशिया, अर्जेंटीना और मिस्र बेहतर अभ्यर्थी हैं।’
उन्होंने कहा कि इस बार कोई मजबूतआर्थिक परिणाम आने की संभावना नहीं है और सम्मेलन वर्चुअल हो सकता है।
इस साल 15वां ब्रिक्स सम्मेलन 22 से 24 अगस्त के बीच होना है, जिसका ध्येय ‘ब्रिक्स ऐंड अफ्रीकाः पार्टनरशिप फार म्युचुअली एक्सेलरेटे ग्रोथ, सस्टेनबल डेवलपमेंट ऐंड इनक्लूसिव मल्टीलेटरलिज्म’ है।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर विश्वजीत धर ने कहा कि ब्रिक्स देश जहां इस समय एक दूसरे से कटे लग रहे हैं, विस्तार से इसे ज्यादा मान्यता मिलेगी। उन्होंने कहा, ‘भूराजनीतिक और आर्थिक स्थिति बहुत तेजी से बदल रही है, क्योंकि अरब देश रूस और चीन से जुड़ रहे हैं। इसके विस्तार से समूह के भीतर अलग तरह का समूह तैयार होगा। इसका आगे चलकर व्यापक असर हो सकता है। चीन की स्थिति मजबूत होगी।’