उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र के ललितपुर जिले में फार्मा पार्क के लिए पांच गांवों की 1,472 एकड़ जमीन ली जाएगी। योगी सरकार ने फार्मा पार्क के लिए जमीन के सर्वे प्रक्रिया की शुरुआत कर दी है। फार्मा पार्क के लिए ललितपुर के 5 गांवों में कुल 1472 एकड़ भूमि पर सर्वे प्रक्रिया को पूर्ण करने के लिए एजेंसी की नियुक्ति की जाएगी।
उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) ने फिक्स्ड प्राइस बिड्स प्रक्रिया के तहत सर्वेयर एजेंसी के निर्धारण के लिए आवेदन मांगे हैं। सर्वे के दौरान फार्मास्यूटिकल यूनिट्स के संचालन के लिए सॉयल टेस्टिंग, कॉन्टूर मैपिंग व टोपोग्राफिकल इनवेस्टिगेशन जैसी प्रक्रियाओं को पूरा किया जाएगा।
औद्योगिक विकास विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यूपीसीडा ने सर्वे प्रक्रियाओं को पूर्ण करने के लिए एक व्यापक कार्ययोजना तैयार की है जिसके अंतर्गत सर्वेयर एजेंसी के निर्धारण के जरिए इस कार्य को पू्र्ण कराया जाएगा। इस क्रम में, यूपीसीडा ने फिक्स्ड प्राइस बिड्स प्रक्रिया के तहत सर्वेयर एजेंसी के निर्धारण के लिए ई-निविदा के जरिए आवेदन मांगे हैं। इस प्रक्रिया से चयनित होने वाली सर्वे एजेंसी को
फार्मास्यूटिकल यूनिट्स के संचालन के लिए सॉयल टेस्टिंग, कॉन्टूर मैपिंग व टोपोग्राफिकल इनवेस्टिगेशन जैसी प्रक्रियाओं को पूरा करेगी। इसके अलावा औरैय्या जिले के दिबियापुर में बनने वाली प्लास्टिक सिटी के लिए लेआउट गाइड मैप, सेक्टोरियल मैप व गैन्ट्री साइनेज बोर्ड उपलब्ध कराने के लिए भी एजेंसी निर्धारण के लिए आवेदन मांगे गए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि उत्तर प्रदेश के ललितपुर में एक समर्पित फार्मा पार्क स्थापित करने की योजना है, जो लगभग 1472 एकड़ के व्यापक भूमि क्षेत्र को कवर करेगा। इस परियोजना के तहत चयनित भूमि को रणनीतिक रूप से दो चरणों में विभाजित किया गया है। इसमें से शुरुआत में 300 एकड़ भूमि को विकसित कर दवा निर्माण इकाइयां स्थापित की जाएंगी।
पहले चरण में इसी पर कार्य करते हुए यूपीसीडा ने सर्वेयर एजेंसी के निर्धारण के लिए आवेदन मांगे हैं। कुल मिलाकर, जिन 5 गांवों में सर्वे होना है उनमें मडावरा तहसील के तहत आने वाले सैदपुर में 426 व गडोलीकलां में 249 एकड़ तथा महरौनी तहसील के तहत आने वाले लरगन में 239, करौंदा में 116 एकड़ व रामपुर में 441 एकड़ चिन्हित जमीन शामिल है।
यूपीसीडा द्वारा निर्धारित की गई एजेंसी द्वारा कुल भूमि सर्वेक्षण में आधुनिक सर्वेक्षण तकनीकों जैसे डिजिटल टोटल स्टेशन, डीजीपीएस, ड्रोन आदि का उपयोग करके 1:4000 पैमाने में मानचित्र तैयार किया जाएगा जो सर्वे ऑफ इंडिया के ग्रेट ट्रिगोनोमेट्रिकल सर्वे लेवलिंग बेंचमार्क के आधार पर होगी।
वहीं, निरीक्षण स्थल पर डीजीपीएस का उपयोग करके ग्राउंड कंट्रोल नेटवर्क की स्थापना भी एजेंसी द्वारा की जाएगी। सर्वे एजेंसी द्वारा कार्ययोजना के तहत निर्धारित क्षेत्र में सॉयल टेस्टिंग मानक प्रक्रिया के मुताबिक किया जाएगा। इससे यह पता चल सकेगा कि निर्धारित क्षेत्र में फार्मा व ड्रग पार्क के अंतर्गत फार्मास्यूटिकल यूनिट्स के संचालन के लिए किन संसाधनों की प्रचुरता या कमी है और इसे कैसे इस्तेमाल में लाया जा सकता है।