प्रतीकात्मक तस्वीर
उत्तर प्रदेश में वित्त वर्ष 2024-25 में शराब बिक्री से रिकॉर्ड राजस्व हासिल हुआ है। प्रदेश में सोमवार को समाप्त हुए वित्त वर्ष के दौरान आबकारी राजस्व में बीते वर्ष के मुकाबले 15 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गयी है। प्रदेश सरकार को 2024-25 में 52297.08 करोड़ रुपये का आबकारी राजस्व प्राप्त हुआ है जो पिछले वित्तीय वर्ष के मुकाबले 6726.61 करोड़ रुपये अधिक है। इससे पहले प्रदेश सरकार को वित्त वर्ष 2023-24 में 45570.47 करोड़ रुपये का राजस्व मिला था। वहीं वित्त वर्ष 2022-23 में 41252.24 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ था। प्रदेश के आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल ने राजस्व वृद्धि पर संतोष जताते हुए कहा कि अवैध शराब पर प्रभावी अंकुश से विभाग का मुनाफा बढ़ा है।
नए वित्त वर्ष 2025-26 में योगी सरकार ने आबकारी राजस्व का लक्ष्य 63000 करोड़ रुपये रखा है जबकि पिछले वर्ष यह लक्ष्य 58307.56 करोड़ रुपये था। प्रदेश सरकार ने नयी आबकारी नीति भी लागू कर दी है। नयी आबकारी नीति के तहत शराब की दुकानों का नए सिरे से आवंटन कर दिया गया है। लंबे समय के बाद एक बार फिर से अंग्रेजी शराब और बीयर की बिक्री एक ही दुकान से की जा रही है। प्रदेश में अब विदेशी मदिरा 90 व 60 मिलीमीटर के पैक में भी उपलब्ध होगी जो पहले नहीं थी। सभी शराब दुकानों की आवंटनम ई-लॉटरी के जरिए किया गया है और एक व्यक्ति को अधिकतम दो ही दुकानें दी गई हैं। प्रदेश में बीयर की दुकानों की लिए परमिट व्यवस्था को नई नीति में खत्म कर दिया गया है। इसके स्थान पर अब कम्पोजिट दुकानें खुल रही हैं जिनको मॉडल शॉप में परिवर्तित किया जा सकेगा। हालांकि प्रदेश में शराब की दुकानों के खुलने के समय में किसी तरह का बदलाव न करते हुए इसे सुबह 10 बजे से रात 10 बजे तक ही रखा गया है।
ई-लॉटरी के जरिए आबकारी विभाग ने 90 फीसदी से अधिक कुल 25,677 शराब की दुकानों और मॉडल शॉप का आवंटन कर दिया है। इसमें देसी मदिरा की 15,906 दुकानें, 9341 कंपोजिट शॉप, 430 मॉडल शॉप के अलावा 1317 भांग की दुकानें भी शामिल हैं। इन दुकानों के आवंटन से राज्य सरकार को 4278.80 करोड़ रुपये लाइसेंस फीस मिलेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं कि एक्सप्रेस वे, राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे शराब की दुकानें नहीं खोली जाएंगी।