प्रयागराज में बाढ़ के बाद के हालात | फोटो: PTI
उत्तर प्रदेश में तीन दिनों से चल रही मूसलाधार बारिश के चलते चार दर्जन जिलों में बाढ़ के हालात पैदा हो गए हैं। प्रदेश की सभी नदियां उफान पर हैं और कई जगहों पर खतरे का निशान पार कर चुकी हैं। वाराणसी, प्रयागराज सहित कई शहरों में गंगा का पानी आबादी वाले इलाकों में घुस गया है और हजारों लोगों को पलायन करना पड़ा है। बीते 24 घंटें की बारिश से प्रदेश में 12 लोगों की मौत हो गई है। लखनऊ में नाले में डूबने से एक युवक की मौत हो गई, जबकि एक दूसरा व्यक्ति गोमती नदी में लापता हो गया।
राजधानी लखनऊ में ही बीते 60 घंटों से लगातार बारिश हो रही है। जोरदार बारिश और मौसम की खराबी के चलते लखनऊ सहित 22 जिलों में सोमवार को स्कूलों की छुट्टी कर दी गई। बाढ़ से राहत-बचाव के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंत्रियों की स्पेशल टीम-11 बनाकर उन्हें प्रभावित इलाकों का दौरा करने को कहा है।
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प्रयागराज में गंगा-यमुना खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर बह रही है और कई मोहल्लों में पानी भर गया है। प्रयागराज के राजापुर इलाके के 10000 घर बाढ़ में डूब चुके हैं। वाराणसी में गंगा खतरे के निशान से 79 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है और यहां सभी घाट डूब चुके हैं। वाराणसी में ही वरुणा नदी के उफनाने के चलते हजारों परिवारों को पलायन करना पड़ा है। प्रदेश के कई जिलों के 402 गांव बाढ़ की चपेट में है जबकि 343 मकान बारिश में ढह चुके हैं।
बाराबंकी, सीतापुर, लखीमपुर, गोंडा, बलरामपुर, बहराइच और श्रावस्ती के सैकड़ों गांवों में बाढ़ के पानी से धान की फसल डूब गई है। किसानों का कहना है कि जबरदस्त बारिश और खेतों में पानी भर जाने के चलते धान की पछैती किस्म की बोआई प्रभावित होगी।
मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक बीते 24 घंटों में प्रदेश के 72 जिलों में 36.8 मिलीमीटर पानी बरसा है जो सामान्य से 405 फीसदी अधिक है। प्रदेश में सबसे ज्यादा 118 मिमी बदायूं में जबकि संभल में 95.5 और बिजनौर में 94.2 मिमी बारिश हुई है।
विभाग के मुताबिक पश्चिमी विक्षोभ की पछुवा हवाओं के चलते भारी से लेकर तेज बारिश हो रही है और यह स्थिति अगले 36 घंटों तक बनी रहेगी। गोंडा, बहराइच, सीतापुर और बाराबंकी में भारी बारिश की आशंका जताई गई है। मौसम वैज्ञानिकों ने प्रदेश के 44 जिलों में बारिश का अलर्ट जारी किया है। सोमवार को दिन भर राजधानी लखनऊ में 38 मिमी तो मलिहाबाद में 60.1 मिमी बारिश दर्ज की गई।
बारिश, बाढ़ व सड़कों पर आवागमन बंद होने के चलते प्रदेश की मंडियों में माल की आवक भी प्रभावित हुई है। राजधानी लखनऊ की दुबग्गा व नवीन मंडी में फलों व सब्जियों की आवक सामान्य के मुकाबले एक चौथाई रह गई है, जिसके चलते दाम बढ़ गए हैं।