facebookmetapixel
Sun Pharma Q2FY26 results: मुनाफा 3% बढ़कर ₹3,118 करोड़ पर, रेवेन्यू भी बढ़ाGold silver price today: सोने चांदी की कीमतों में तेजी, गोल्ड फिर ₹1.20 लाख के पारसड़क से लेकर रक्षा तक निवेश की रफ्तार तेज, FY26 में कैपेक्स 52% तक पंहुचाICICI Pru Life ने उतारा BSE 500 एन्हांस्ड वैल्यू 50 इंडेक्स फंड, इस नए ULIP प्लान में क्या है खास?BEML Q2 results: सितंबर तिमाही में मुनाफा 6% घटकर ₹48 करोड़, कमाई में भी आई कमीFTA में डेयरी, MSMEs के हितों का लगातार ध्यान रखता रहा है भारतः पीयूष गोयलसरकार ने ‘QuantumAI’ नाम की फर्जी निवेश स्कीम पर दी चेतावनी, हर महीने ₹3.5 लाख तक की कमाई का वादा झूठाStocks To Buy: खरीद लो ये 2 Jewellery Stock! ब्रोकरेज का दावा, मिल सकता है 45% तक मुनाफाEPF नियमों पर दिल्ली हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: विदेशी कर्मचारियों को भी देना होगा योगदानSectoral ETFs: हाई रिटर्न का मौका, लेकिन टाइमिंग और जोखिम की समझ जरूरी

यूपी में वस्त्र उद्योग को बढ़ावा, संत कबीर के नाम से खुलेंगे टेक्सटाइल पार्क

सीएम योगी आदित्यनाथ ने हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग क्षेत्र में निजी निवेशकों की बढ़ती रुचि को देखते हुए विभिन्न जिलों में वस्त्र एवं परिधान पार्क स्थापित करने का फैसला किया है।

Last Updated- September 16, 2025 | 4:27 PM IST
UP CM Yogi Adityanath

उत्तर प्रदेश के कई बुनकर बहुल जिलों में संत कबीर के नाम पर वस्त्र एवं परिधान पार्क स्थापित किए जाएंगे। संत कबीर वस्त्र एवं परिधान पार्क योजना के नाम से इन पार्कों को निजी-सार्वजनिक सहभागिता (पीपीपी) अथवा नोडल एजेंसी के जरिए विकसित किया जाएगा। हर पार्क को कम से कम 50 एकड़ जमीन पर विकसित किया जाएगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग क्षेत्र में निजी निवेशकों की बढ़ती रुचि को देखते हुए विभिन्न जिलों में वस्त्र एवं परिधान पार्क स्थापित करने का फैसला किया है। मंगलवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश पारंपरिक हथकरघा और वस्त्र उत्पादों की समृद्ध धरोहर वाला राज्य है, जिसकी क्षमता का सही उपयोग होने पर प्रदेश को राष्ट्रीय ही नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी नई पहचान दिलाई जा सकती है।

Also Read: टीम इंडिया की जर्सी पर अब चमकेगा अपोलो टायर्स, ड्रीम11 की जगह बना नया स्पॉन्सर

उन्होंने कहा कि वर्तमान में वस्त्र एवं परिधान का वैश्विक बाजार वर्ष 2030 तक 2.3 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है और भारत इसमें 8 फीसदी की वार्षिक वृद्धि दर के साथ सबसे तेज़ी से बढ़ते देशों में है। ऐसे परिदृश्य में उत्तर प्रदेश की भागीदारी इस क्षेत्र में निर्णायक सिद्ध हो सकती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रस्तावित योजना को महान संत कबीर के नाम पर समर्पित किया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि निवेश सारथी पोर्टल पर अब तक वस्त्र एवं परिधान क्षेत्र से जुड़े 659 प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इन प्रस्तावों के लिए लगभग 1,642 एकड़ भूमि की आवश्यकता है। कुल निवेश मूल्य 15,431 करोड़ रुपये आंका गया है और इसके फलस्वरूप लगभग 1,01,768 रोजगार अवसर सृजित होने का अनुमान है। प्रत्येक पार्क न्यूनतम 50 एकड़ भूमि पर विकसित किया जाएगा और इनमें प्रसंस्करण उद्योगों के लिए कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना अनिवार्य होगी। साथ ही बटन, ज़िपर, लेबल, पैकेजिंग और वेयरहाउस जैसी सहायक इकाइयों के विकास की भी व्यवस्था की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि निवेश प्रस्तावों को शीघ्र गति से क्रियान्वित करने हेतु भूमि की पहचान और विकास कार्य को तेज़ किया जाए। सरकार की ओर से पार्कों तक सड़क, विद्युत और जलापूर्ति जैसी आधारभूत सुविधाएं प्राथमिकता पर उपलब्ध कराई जाएंगी। बैठक में प्रस्तुत विवरण के अनुसार, वर्तमान में उत्तर प्रदेश देश के शीर्ष वस्त्र एवं परिधान निर्यातक राज्यों में शामिल है। वित्त वर्ष 2023-24 में प्रदेश से लगभग 3.5 अरब अमेरिकी डॉलर का निर्यात हुआ, जो देश के कुल वस्त्र एवं परिधान निर्यात का लगभग 9.6 फीसदी है है। इस क्षेत्र का प्रदेश की जीडीपी में 1.5 फीसदी योगदान है, जबकि राज्य में प्रत्यक्ष रोजगार पाने वाले लगभग 22 लाख लोग इससे जुड़े हैं। वाराणसी, मऊ, भदोही, मिर्जापुर, सीतापुर, बाराबंकी, गोरखपुर और मेरठ जैसे पारंपरिक क्लस्टरों ने उत्तर प्रदेश को राष्ट्रीय परिधान मानचित्र पर महत्वपूर्ण स्थान दिलाया है।

बैठक में एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए मुख्यमंत्री ने पॉवरलूम बुनकरों की उत्पादन लागत कम करने, आय बढ़ाने और परंपरागत वस्त्र उद्योग को नई मजबूती देने के उद्देश्य से बुनकरों के साथ संवाद करने के निर्देश दिए। उन्होंने पॉवरलूम को सौर ऊर्जा से जोड़ने के लिए आवश्यक कार्यवाही के भी निर्देश दिए।

First Published - September 16, 2025 | 4:27 PM IST

संबंधित पोस्ट