PM Gati Shakti: अयोध्या में राम मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद ढांचागत सुविधाओं के विकास का काम तेजी से जारी है और पीएम गतिशक्ति के तहत अयोध्या बाईपास परियोजना को गति दी जा रही है।
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि उत्तर प्रदेश में 67.57 किलोमीटर लंबी अयोध्या बाईपास परियोजना की योजना और क्रियान्वयन पीएम गतिशक्ति के तहत की गई है। मंत्रालय ने कहा है कि यह परियोजना निर्बाध माल परिवहन की सुविधा प्रदान करेगी और अयोध्या में भीड़ कम करेगी।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘यह बाईपास लखनऊ, बस्ती और गोंडा जैसे प्रमुख जिलों को कवर करेगा। यह परियोजना इन तीन जिलों में पर्यटक और तीर्थ स्थलों सहित आर्थिक, सामाजिक और लॉजिस्टिक से जुड़े विभिन्न संपर्क व्यवस्था की कनेक्टिविटी में सुधार की सुविधा प्रदान करेगी।’’ अयोध्या दो आर्थिक केंद्रों (लखनऊ और गोरखपुर) के बीच स्थित है।
चमड़ा, इंजीनियरिंग सामान, भवन निर्माण सामग्री, लोहा और इस्पात जैसी प्रमुख वस्तुएं शहर से होकर गुजरती हैं। इसीलिए इस बाईपास मार्ग के निर्माण से निर्बाध माल परिवहन की सुविधा मिलेगी और शहर में भीड़भाड़ कम होगी। उल्लेखनीय है कि अयोध्या में 22 जनवरी को राम लला की प्राण प्रतिष्ठा की गई। अयोध्या बाईपास परियोजना का मूल्यांकन एनपीजी (राष्ट्रीय योजना समूह) की एक बैठक के दौरान किया गया। पीएम गतिशिक्ति पहल के तहत एनपीजी का गठन किया गया है।
अंतर-मंत्रालयी राष्ट्रीय योजना समूह की हर पखवाड़े बैठक होती है और परियोजना की समीक्षा के साथ उसके आसपास व्यापक विकास को सुनिश्चित करने का आकलन किया जाता है। इस पहल का मकसद लॉजिस्टिक लागत को कम करने के लिए एक एकीकृत बुनियादी ढांचे को विकसित करना है। 500 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश वाली सभी लॉजिस्टिक और संपर्क से जुड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाएं एनपीजी के माध्यम से आती हैं।
वित्त मंत्रालय के तहत सार्वजनिक निवेश बोर्ड (पीआईबी) या व्यय विभाग से परियोजना की मंजूरी से पहले एनपीजी की अनुमति आवश्यक है। समूह ने अब तक जिन परियोजनाओं को मंजूरी दी है, उनमें ज्यादातर सड़क, रेलवे और शहरी विकास से संबंधित हैं।