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उत्तर प्रदेश में पर्यावरण सुरक्षा के मद्देनजर बनेगा बायो प्लास्टिक पार्क

पार्क के विकास के लिए उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) को नोडल एजेंसी बनाया जाएगा।

Last Updated- June 28, 2024 | 6:29 PM IST
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उत्तर प्रदेश में पर्यावरण सुरक्षा के मद्देनजर बायो प्लास्टिक पार्क (Bio Plastic Park) बनाया जाएगा। बायो प्लास्टिक के निर्माण के जरिए पर्यावरणीय प्रदूषण को कम करने में जुटी योगी सरकार प्रदेश में 2000 करोड़ रूपये की लागत से बायो प्लास्टिक पार्क की स्थापना करने जा रही है।

प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के गोला गोकर्णनाथ तहसील के कुम्भी गांव में 1000 हेक्टेयर में स्थापित होने वाली इस परियोजना को जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिये हैं।

इस पार्क को बलरामपुर चीनी मिल समूह की ओर से बनाया जाएगा, जिससे इस इलाके में न केवल बड़े पैमाने पर रोजगार का सृजन होगा बल्कि बायो प्लास्टिक पार्क बनने से क्षेत्र में कई अन्य सहायक उद्योग भी स्थापित हो सकेंगे। पार्क के विकास के लिए उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) को नोडल एजेंसी बनाया जाएगा।

औद्योगिक विकास विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बायो प्लास्टिक एक प्रकार का प्लास्टिक होता है जो प्राकृतिक सामग्रियों, जैसे कि मक्का, सूरजमुखी या शक्कर के कणों से बनाया जाता है। यह प्राकृतिक प्लास्टिक है जो तेजी से विघटित हो जाता है और इसका पर्यावरण में प्रदूषण प्रभाव कम होता है।

उन्होंने बताया कि इसका उपयोग न केवल पर्यावरण स्थिरता को बढ़ावा देता है, बल्कि पैकेजिंग, रेडिमेड वस्त्र, इलेक्ट्रॉनिक्स और अन्य औद्योगिक उत्पाद बनाने में भी इसका उपयोग किया जा सकता है।

अधिकारियों ने बताया कि बायो प्लास्टिक पार्क के विकास से नए वैज्ञानिक व तकनीकी क्षेत्र में नौकरी के अवसर भी उत्पन्न होंगे ही साथ ही ये पार्क वैज्ञानिकों और अनुसंधानकर्ताओं के लिए एक मंच भी प्रदान करेगा, जहां वे नवीनतम प्रौद्योगिकियों और अनुसंधानों के माध्यम से प्लास्टिक निर्माण की क्षमताओं को विकसित कर सकते हैं।

इस पार्क में प्लास्टिक से जुड़ी विभिन्न प्रौद्योगिकियों का विकास और अध्ययन भी किया जाएगा। पार्क में वैज्ञानिक अनुसंधान होंगे, जिससे प्लास्टिक के प्रभावी उपयोग और पुनर्चक्रण के लिए नवीनतम तकनीकी उत्पाद विकसित किए जा सकेंगे। इसके जरिए प्लास्टिक से पैदा होने वाली पर्यावरणीय समस्याओं का समाधान निकाला जा सकेगा। साथ ही प्लास्टिक के प्रदूषण को कम करने और प्रदूषित प्लास्टिक के पुनर्चक्रण के लिए नवीनतम तकनीक का अध्ययन किया जाएगा।

First Published - June 28, 2024 | 6:29 PM IST

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