प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा है कि साल 2047 तक भारत की शहरी आबादी करीब 90 करोड़ हो जाएगी। इसके लिए उन्होंने निजी क्षेत्र खासकर रियल एस्टेट और औद्योगिक क्षेत्रों को नियोजित शहरीकरण पर जोर देने का आग्रह किया है। मोदी ने बजट के बाद आयोजित एक वेबिनार में कहा, ‘भारतीय शहरों को टिकाऊ शहरी गतिशीलता, डिजिटल एकीकरण और लचीली जलवायु योजनाओं के लिए पहचाना जाएगा।’ इस दौरान उन्होंने अमृत 2.0 और जल जीवन मिशन जैसी पहलों को आगे बढ़ाने के लिए सहयोगात्मक प्रयासों पर भी जोर दिया।
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया कि केंद्रीय बजट 2025-26 में एक मजबूत कार्यबल और बढ़ती अर्थव्यवस्था का मार्ग प्रशस्त किया गया है, जिसमें बुनियादी ढांचे, जनता, उद्योग, अर्थव्यवस्था और नवोन्मेष में एक समान निवेश को प्राथमिकता दी गई है। उन्होंने कहा, ‘इस साल के बजट में इस विषय को बड़े पैमाने पर दर्शाया गया है कि और भारत के भविष्य का भी खाका है। बुनियादी ढांचे, जनता, उद्योग, अर्थव्यवस्था और नवोन्मेष में एक समान निवेश को प्राथमिकता दी गई है।’
मोदी ने शिक्षा के क्षेत्र में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी), भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) का विस्तार और शिक्षा प्रणाली में प्रौद्योगिकी को शामिल करने जैसी शिक्षा के क्षेत्र में सरकारी पहलों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा, ‘इन मिशन मोड की तरह किए गए प्रयासों से भारत की शिक्षा प्रणाली को 21वीं सदी की दुनिया की जरूरतों और मानदंड अनुरूप बनाने में सक्षम किया गया है। सरकार ने 2014 से तीन करोड़ युवाओं को कौशल प्रशिक्षण दिया है और 1,000 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) को उन्नत करने और पांच उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने का फैसला भी किया गया है।’
चिकित्सा क्षेत्र के बारे में प्रधानमंत्री मोदी ने बजट में घोषणा किए गए दो प्रमुख प्रस्तावों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इस साल के बजट में हमने 10,000 अतिरिक्त मेडिकल सीट की घोषणा की है। अगले पांच साल में चिकित्सा क्षेत्र में 75,000 और सीट जोड़ने का लक्ष्य है। इसके अलावा अगले तीन वर्षों में सरकार सभी जिलों में कैंसर मरीजों के लिए डे केयर सेंटर स्थापित करेगी।
इसमें आने वाली चुनौतियों और रोडमैप के बारे में स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने कहा कि मंत्रालय फैकल्टी की कमी का आकलन करेगा और यह ध्यान रखेगा कि और चिकित्सा सीटों के बढ़ने के मुताबिक ही भर्तियां हों। वेबिनार के दौरान प्रधानमंत्री ने सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) में टेलीमेडिसिन सुविधाओं के विस्तार के माध्यम से स्वास्थ्य सेवा को जमीनी स्तर पर ले जाने का भी उल्लेख किया है। उन्होंने उद्योग जगत चिकित्सा पर्यटन में निवेश करने का आग्रह करते हुए कहा कि हील इन इंडिया और लैंड ऑफ बुद्ध जैसी पहलों के जरिये वैश्विक पर्यटकों को आकर्षित किया जा सकता है।
उन्होंने कहा, ‘भारत को वैश्विक पर्यटन और कल्याण केंद्र के तौर पर स्थापित करने के प्रयास किए जा रहे हैं।’प्रधानमंत्री ने पर्यटन क्षेत्र को बुनियादी ढांचे का दर्जा देने के सरकार के फैसले के बारे में भी बात की और कहा कि इससे युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।