प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 719 करोड़ रुपये के फर्जी चीनी लोन ऐप घोटाले में कार्रवाई करते हुए दो व्यक्तियों सैयद मोहम्मद और वर्गीज टीजी को गिरफ्तार किया गया है। ये गिरफ्तारियां प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉंड्रिंग एक्ट (पीएमएलए), 2002 के तहत की गई है।
यह गिरफ्तारी केरल और हरियाणा में कई पीड़ितों द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकियों के बाद की गई है। लोन ऐप चलाने वाले पीड़ितों से पैसे उगाहने के लिए कई तरीके अपनाते थे। इनमें अग्रिम मासिक किस्त और लोन ऐप इंस्टॉल करते समय निजी फोन से चुराए डेटा के जरिये ब्लैकमेल करना शामिल है। वे पीड़ितों की मॉर्फ की गई अश्लील तस्वीरें उनके फोन संपर्कों को भेजने की धमकी भी देते थे।
ईडी ने एक वक्तव्य में कहा कि जांच से पता चला है कि संदिग्धों ने घोटाले के लिए करीब 500 बैंक खातों में 719 करोड़ रुपये की राशि जमा करवाई। यह राशि पीड़ितों की थी। इसके अलावा उन्होंने वजीरएक्स पर 26 क्रिप्टोकरेंसी खाते भी बनाए और करीब 115.67 करोड़ रुपये की राशि विदेशी क्रिप्टो वॉलेट में डाली।
ईडी के अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तार लोगों को घोटाले में शामिल होने और ये अवैध खाते तैयार करने के लिए क्रमश: दो करोड़ रुपये और 70 लाख रुपये की राशि दी गई। जांच में यह भी पता चला कि अपराध से हासिल राशि को सामान्य बैंकिंग चैनल और निउम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के जरिये सिंगापुर भी भेजा गया। इसके लिए काल्पनिक सॉफ्टवेयर आयात का बहाना इस्तेमाल किया गया। फरवरी 2024 में ईडी ने मुंबई, चेन्नई और कोच्चि समेत 10 जगहों पर गहन खोज की थी और कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए थे जिनमें अपराध के सबूत थे। इस दौरान करीब 123.58 करोड़ रुपये के फंड जब्त किए गए जो योजना से जुड़े खातों में थे।
इससे पहले भी एजेंसी ने 30 जनवरी को तमिलनाडु में चार अन्य संदिग्धों को गिरफ्तार किया था। वे भी पैसे भेजने में शामिल थे। मामले की जांच जारी है क्योंकि अधिकार इस व्यापक अंतरराष्ट्रीय धोखाधड़ी नेटवर्क को खत्म करना चाहते हैं।