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भारतीय दवा उद्योग के प्रति अमेरिकी दवा विनियामक के हालिया रुख से भविष्य की पाइपलाइन पर असर पड़ सकता है। विश्लेषकों ने यह आशंका जताई है। आंकड़ों से पता चलता है कि नवंबर 2019 और नवंबर 2022 के बीच भारत के विनिर्माण स्थलों पर यूएस फूड ऐंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (यूएसएफडीए) ने लगभग 60 ‘ऑफिशियल एक्शन इंडिकेटेड’ (ओएआई) वर्गीकरण किया था। पिछले 12 महीने में पांच ओएआई वर्गीकरण किया गया है, जिनमें से दो को ‘आयात चेतावनी’ तक बढ़ा दिया गया है।
मोतीलाल ओसवाल के अनुसंधान विश्लेषकों ने एक हालिया रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया है कि कैलेंडर 2022 में लगभग चार संयंत्रों को एफडीए से आयात चेतावनी मिली है तथा अगस्त और नवंबर के बीच कम से कम सात से आठ यूएसएफडीए निरीक्षण किए गए थे, जिन्हें कोई वर्गीकरण प्राप्त नहीं हुआ था। यह बात इसलिए महत्त्वपूर्ण है क्योंकि एफडीए द्वारा अंतिम वर्गीकरण की घोषणा किए जाने तक इन संयंत्रों की किस्मत अधर में लटकी हुई है। मोतीलाल ओसवाल के विश्लेषक तुषार मनुधाने और सुमित गुप्ता ने कहा है कि
हालांकि यूएसएफडीए के निरीक्षण के बाद लगभग 90 दिनों में ओएआई वर्गीकरण जारी किया जाता है, लेकिन विनियामकीय कार्रवाई की समय सीमा काफी घट गई है। मिसाल के तौर पर, ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स के बद्दी स्थल का इस साल जून में निरीक्षण किया गया था और अक्टूबर में आयात चेतावनी जारी की गई थी। इस साल मई में हलोल स्थल का भी निरीक्षण किया गया था। इसके बाद अगस्त में इसे ओएआई वर्गीकरण जारी किया गया। हाल ही में यूएसएफडीए के निरीक्षण के छह महीने के भीतर ही इसे आयात चेतावनी जारी की गई थी।
यूएसएफडीए के निरीक्षक किसी संयंत्र का दौरा करने के बाद या तो संयंत्र खाली कर देते हैं या अपनी टिप्पणियों के साथ फॉर्म 483 जारी करते हैं। कंपनियां आम तौर पर एक निर्धारित समय सीमा के भीतर विनियामक द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब देती हैं। आखिर में एफडीए विनिर्माण स्थल का अंतिम वर्गीकरण जारी करता है, जो ओएआई, स्वैच्छिक कार्रवाई संकेतक (वीएआई) वाला चेतावनी पत्र या कोई कार्रवाई नहीं करने वाला संकेतक पत्र हो सकता है। अगर एफडीए कंपनी द्वारा की गई सुधारात्मक कार्रवाई से संतुष्ट नहीं होता है, तो चेतावनी पत्र या ओएआई वर्गीकरण के बाद आयात चेतावनी दी जा सकती है।
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ओएआई यह बताता है कि आपत्तिजनक हालात पाए गए थे और विनियामकीय कार्रवाई की सिफारिश की जानी चाहिए, जबकि वीएआई का मतलब यह है कि आपत्तिजनक हालात पाए गए थे और उनका रिकॉर्ड भी तैयार किया गया गया था, लेकिन एजेंसी नियामकीय कार्रवाई करने या सिफारिश के लिए तैयार नहीं है। आयात चेतावनी के अंतर्गत रखे जाने पर संयंत्र से निर्यात बंद हो जाता है।