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इलेक्टोरल बॉन्ड का ब्योरा देगा SBI, सुप्रीम कोर्ट ने दी चुनाव आयोग को सारी डिटेल बताने की तारीख

बैंक ने कहा है कि वह उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्धारित प्रक्रिया का पालन करेगा। SBI चुनावी बॉन्ड जारी करने वाला एकमात्र बैंक है।

Last Updated- February 15, 2024 | 10:50 PM IST
SBI ने सुप्रीम कोर्ट में दायर किया हलफनामा, कहा चुनाव आयोग को सौंप दी सभी जानकारी, Electoral Bonds: SBI filed an affidavit in the Supreme Court, said that it has submitted all the information to the Election Commission

उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को चुनावी बॉन्ड को असंवैधानिक ठहराते हुए भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को निर्वाचन आयोग को इसका ब्योरा देने का आदेश दिया। बैंक ने कहा है कि वह उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्धारित प्रक्रिया का पालन करेगा। एसबीआई चुनावी बॉन्ड जारी करने वाला एकमात्र बैंक है।

इस बैंक के एक प्रमुख अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, ‘इसकी प्रक्रिया निर्धारित की गई है और हम निर्वाचन आयोग को इसका ब्योरा देंगे और वह इसे अपनी साइट पर लगाएगा। हमें उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्धारित प्रक्रिया का पालन करना होगा।’अधिकारी ने इस बात पर जोर दिया कि बैंक को आदेश का पालन करना होगा और कहा, ‘यह अदालती फैसला है और इसकी कोई व्याख्या नहीं है।’

चुनावी बॉन्ड धारक बॉन्ड हैं जिन्हें कोई योग्य राजनीतिक दल किसी भी मान्यता प्राप्त बैंक से एक बैंक खाते के माध्यम से भुना सकता है। इस मामले में यह बैंक एसबीआई है। अदालत ने एसबीआई को अप्रैल 2019 के अंतरिम आदेश के बाद से ऐसे बॉन्ड के माध्यम से चंदा पाने वाले राजनीतिक दलों का ब्योरा देने के लिए भी कहा है।

एसबीआई को यह सभी जानकारी 6 मार्च, 2024 तक चुनाव आयोग को जमा करनी होगी। एक अधिकारी ने कहा, ‘हमारे पास सभी जानकारी है। हालांकि यह बेहद गोपनीय है और केवल संबंधित शाखाओं के पास ही इसका डेटा है।’ देश में 29 एसबीआई शाखाएं विभिन्न राज्यों में चुनावी बॉन्ड जारी करती हैं।

शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि चुनावी बॉन्ड जिनकी 15 दिनों की वैधता अवधि पूरी नहीं हो हुई है और जिन्हें अभी तक राजनीतिक दलों ने भुनाया नहीं हैं, उन्हें राजनीतिक दल, खरीदार को वापस कर दिया जाए। जारीकर्ता बैंक तब उस चुनावी बॉन्ड की राशि को खरीदार के खाते में वापस कर देगा।

एसबीआई ने कहा कि रिफंड में कोई समस्या नहीं होनी चाहिए क्योंकि बैंक के पास खरीदार की जानकारी है। अधिकारी ने कहा, ‘इसे नकदी में नहीं लिया गया था बल्कि यह केवल चेक द्वारा लिया गया था। इसलिए इसका पूरा ब्योरा है। हमें पता है कि किसने यह बॉन्ड खरीदा है और किस पार्टी के लिए ये बॉन्ड खरीदे गए हैं। इसलिए रिफंड में कोई समस्या नहीं होनी चाहिए।’

First Published - February 15, 2024 | 10:50 PM IST

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