विदेश मंत्री एस जयशंकर रविवार को यूरोप की एक सप्ताह की यात्रा पर रवाना हुए जहां वह फ्रांस, यूरोपीय संघ और बेल्जियम के नेताओं के साथ वार्ता करेंगे ताकि द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा दिया जा सके और आतंकवाद को कतई बरदाश्त नहीं करने की भारत की नीति को पुन: पुष्ट किया जा सके।
जयशंकर की यूरोप यात्रा पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में भारत द्वारा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किए जाने के एक महीने बाद हो रही है। ऐसी अपेक्षा है कि जयशंकर यूरोपीय नेताओं को सीमा पार आतंकवाद से निपटने को लेकर भारत के दृष्टिकोण से अवगत कराएंगे। अपने दौरे के पहले चरण में जयशंकर फ्रांस जाएंगे। फ्रांस एक ऐसा देश है जो भारत का सदाबहार मित्र बनकर उभरा है।
विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘विदेश मंत्री पेरिस और मार्सिले की यात्रा करेंगे जहां वह यूरोप और विदेश मंत्री जीन नोएल बैरट के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे।’ जयशंकर मार्सिले शहर में आयोजित होने वाले ‘मेडिटरेनीयन रायसीना डायलॉग’ के पहले संस्करण में भी भाग लेंगे। जयशंकर ब्रसेल्स में यूरोपीय संघ की उच्च प्रतिनिधि और उपाध्यक्ष काजा कलास के साथ रणनीतिक वार्ता करेंगे।
विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘भारत-यूरोपीय संघ की रणनीतिक साझेदारी पिछले कुछ साल में विभिन्न क्षेत्रों में मजबूत हुई है तथा इस साल फरवरी में यूरोपीय संघ के ‘कॉलेज ऑफ कमिश्नर्स’ की पहली भारत यात्रा से इसे और बढ़ावा मिला है।’ जयशंकर थिंक टैंक और मीडिया के साथ बातचीत करने के अलावा यूरोपीय आयोग और यूरोपीय संसद के वरिष्ठ नेतृत्व से भी मिलेंगे। अपनी यात्रा के तीसरे और अंतिम चरण में विदेश मंत्री बेल्जियम के नेताओं के साथ व्यापक बातचीत करेंगे।
विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘भारत और बेल्जियम के बीच मधुर एवं मैत्रीपूर्ण संबंध हैं तथा दोनों देशों के बीच मजबूत आर्थिक साझेदारी भी है। आज, दोनों देशों के बीच सहयोग व्यापार और निवेश, हरित ऊर्जा, प्रौद्योगिकी, दवा, हीरा क्षेत्र और लोगों के बीच मजबूत संबंधों जैसे विभिन्न क्षेत्रों में फैला हुआ है।’