रेमंड के स्वतंत्र निदेशकों ने वरिष्ठ व स्वतंत्र वकील बर्जिस देसाई को नियुक्त किया है, जो कंपनी के चेयरमैन गौतम सिंघानिया और उनकी पत्नी नवाज मोदी के बीच चल रहे पारिवारिक विवाद पर बोर्ड को सलाह देंगे।
एक बयान में स्वतंत्र निदेशकों ने कंपनी के हितधारकों से कहा, वे शांति से और बिना किसी का पक्ष लिए काम करेंगे। निदेशकों ने कहा, कंपनी और उसके गैर-प्रवर्तक शेयरधारकों का हित हमेशा सर्वोपरि होना चाहिए।
अगर कोई घटनाक्रम या उपचारात्मक कदम कंपनी को प्रभावित करता है तो इसे पूरी पारदर्शिता के साथ सामने रखा जाना चाहिए। निदेशकों ने कहा कि पिछले कुछ हफ्तों से वे स्थिति की निगरानी कर रहे हैं और गैर-प्रवर्तक अल्पांश शेयरधारकों, कर्मचारियों और अन्य हितधारकों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं।
बयान में कहा गया है, हम यह सुनिश्चित करेंगे कि दो प्रवर्तक निदेशकों के बीच विवाह-संबंध को लेकर चल रहा विवाद कंपनी के परिचालन की खातिर चेयरमैन व प्रबंध निदेशक के पद को किसी तरह से प्रभावित न करे।
13 नवंबर से रेमंड ने खासा बाजार मूल्यांकन गवाया है जब सिंघानिया ने ऐलान किया कि बोर्ड में निदेशक नवाज मोदी और वह अलग हो गए हैं।
सिंघानिया फैमिली के पास कंपी की आधी हिस्सेदारी है, जिसने 13 नवंबर को इस खबर के सार्वजनिक होने के बाद मूल्यांकन में काफी कमी दर्ज की है। एक मीडिया साक्षात्कार में मोदी ने कंपनी में कॉरपोरेट गवर्नेंस की खामियों का आरोप लगाया और कहा कि 8 नवंबर को उसने कंपनी के फंड के कथित दुरुपयोग का मामला उठाया था।
आठ सदस्यीय रेमंड के बोर्ड में सिंघानिया, नवाज मोदी और एस एल पोखरना हैं, जो रमंड समूहके अध्यक्ष हैं। नवाज मोदी ने इस बारे में जानकारी के लिए भेजे गए बिजनेस स्टैंडर्ड की प्रश्नावली का जवाब नहीं दिया। सिंघानिया ने कहा, अपनी दो बेटियों के हितों और परिवार की गरिमा के सम्मान करते हुए मैं किसी तरह की टिप्पणी नहीं करूंगा।