प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से त्योहारी सीजन के दौरान स्वदेशी उत्पादों का गौरवपूर्वक इस्तेमाल करने की अपील की है। उन्होंने स्थानीय उत्पादों के खुलकर उपयोग (वोकल फॉर लोकल) के मंत्र पर जोर देते हुए कहा कि आत्मनिर्भरता का मार्ग विकसित भारत बनाने में मददगार साबित होगा। प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को अपने मासिक कार्यक्रम ‘मन की बात’ में कहा कि जीवन की हर जरूरत में सब कुछ स्वदेशी होना चाहिए।
मोदी अमेरिका की ओर से भारतीय वस्तुओं पर 50 प्रतिशत शुल्क लगाए जाने के बाद देश के आत्मनिर्भर बनने की आवश्यकता पर लगातार जोर दे रहे हैं। देश के विभिन्न भागों में गणेश उत्सव, दुर्गा पूजा और दीपावली उत्सव के आगमन के अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि लोगों को त्योहारों के दौरान उपहार, कपड़े, सजावट की वस्तुएं या अन्य कोई चीज खरीदते समय स्वदेशी उत्पादों को नहीं भूलना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘हमें ‘गर्व से कहो यह स्वदेशी है’ की भावना के साथ आगे बढ़ना है। एक ही मंत्र है ‘वोकल फॉर लोकल’, एक ही रास्ता है आत्मनिर्भर भारत, एक ही लक्ष्य है विकसित भारत।’
मोदी ने कहा कि रामायण और भारतीय संस्कृति के प्रति प्रेम अब दुनिया के हर कोने तक पहुंच रहा है। उन्होंने बताया कि इस महीने की शुरुआत में कनाडा के मिसिसागा में भगवान राम की 51 फुट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया गया। उन्होंने बताया कि इसी महीने रूस के बेहद ठंडे इलाके व्लादिवोस्तोक में एक अनोखी प्रदर्शनी आयोजित की गई, जिसमें रूसी बच्चों ने रामायण के विभिन्न विषयों पर बनाए गए चित्र प्रदर्शित किए।
प्रधानमंत्री ने बरसात के मौसम में प्राकृतिक आपदाओं पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, ‘इस मानसून में प्राकृतिक आपदाएं देश की परीक्षा ले रही हैं। कहीं मकान तहस-नहस हो गए, कहीं खेत जलमग्न हैं, बड़ी संख्या में परिवार बर्बाद हो गए। कहीं पुल पानी के तेज बहाव में बह गए, सड़कें बह गईं, लोगों का जीवन खतरे में पड़ गया। इन घटनाओं ने हर भारतीय को दुखी किया है।’
प्रधानमंत्री ने बचाव अभियान के दौरान राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) और सुरक्षाबलों के प्रयासों की खूब सराहना की। उन्होंने कहा, ‘जहां भी संकट आया, एनडीआरएफ-एसडीआरएफ के हमारे जवानों और अन्य सुरक्षाबलों ने लोगों को बचाने के लिए दिन-रात काम किया।