भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) राष्ट्रीय राजमार्गों के 33 खंडों के मुद्रीकरण से धन जुटाने की योजना बना रहा है। वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान टोल ऑपरेट ट्रांसफर (TOT) और इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (इनविट) के माध्यम से इन सड़कों से धन जुटाने की योजना है।
इन सड़क खंडों में उत्तर प्रदेश के लखनऊ-अलीगढ़, कानपुर-अयोध्या-गोरखपुर और बरेली-सीतापुर खंड, राजस्थान के गुरुग्राम-कोटपुतली-जयपुर बाईपास और जयपुर-किशनगढ़ खंड, ओडिशा का पानिकोइली-रिमुली खंड, तमिलनाडु का चेन्नई बाईपास और बिहार का मुजफ्फरपुर-दरभंगा-पूर्णिया खंड शामिल है।
इन 33 सड़क खंडों की कुल मिलाकर लंबाई 2,741 किलोमीटर है, जिनसे वित्त वर्ष 24 में करीब 5,000 करोड़ रुपये जुटाए गए थे। NHAI को अधिकार है कि वह सूची की समीक्षा और इसमें बदलाव कर सकती है और अपनी योजना के मुताबिक मुद्रीकरण का तरीका बदल सकती है।
अभी यह साफ नहीं है कि इसमें कौन सी संपत्ति टीओटी और कौन सी इनविट में शामिल होगी। प्राधिकरण ने अब तक राष्ट्रीय राजमार्गों के 14 खंडों को टीओटी मॉडल पर दिया है, जिसके तहत कंपनी को एक निश्चित राशि के भुगतान पर तय अवधि के लिए टोल वसूलने का अधिकार मिलता है। प्रतिस्पर्धी बोली से इनका मूल्यांकन होता है। NHAI ने संपत्ति मुद्रीकरण योजना के तहत 42,000 करोड़ रुपये जुटाने के लिए 10 टीओटी खंड आवंटित किए हैं।
इनविट में ट्रस्ट में निवेशकों को कई कर लाभ मिलते हैं। इसमें सड़क को प्राधिकरण से खरीदा जाता है इसका परिचालन किया जाता है। इसके टोल से हुई कमाई को मुनाफे के रूप में निवेशकों को दिया जाता है।
NHAI ने अपने इनविट से 3 दौर की पेशकश की है और करीब 26,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं। NHAI सरकार के कुछ उन विभागों में है, जिसने समय से मुद्रीकरण का लक्ष्य हासिल किया है।