प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
दक्षिण पश्चिम मॉनसून ने पश्चिम राजस्थान के कुछ हिस्सों से आज वापस लौटना शुरू कर दिया है। मौसम विभाग ने बताया कि इस मॉनसून ने निर्धारित वापसी की तारीख 17 सितंबर से तीन दिन पहले 14 सितंबर को वापस लौटना शुरू कर दिया है। मौसम विभाग ने यह भी बताया कि दक्षिण पश्चिम मॉनसून की अगले दो -तीन दिनों में वापसी के लिए राजस्थान के अन्य हिस्सों और पंजाब व गुजरात के कुछ हिस्सों से अनुकूल स्थितियां बन रही हैं।
मॉनसून की वापसी शुरू होने के बावजूद ज्यादातर विशेषज्ञों ने कहा कि यह मॉनसून सत्र की वापसी का सूचक नहीं है। मॉनसून सत्र की समाप्ति 30 सितंबर को होगी। मौसम विभाग ने यह भी कहा कि हिमाचल प्रदेश, पूर्वी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में 15 से 20 सितंबर तक बारिश होने का अनुमान है।
मौसम विभाग ने मान लिया है कि पश्चिम राजस्थान से मॉनसून की वापसी होनी है। इसका कारण यह है कि समुद्र तल से 1.5 किलोमीटर की ऊंचाई पर विपरीत चक्रवाती परिसंचरण बन रहा है, साथ ही इस क्षेत्र में बीते पांच दिनों से कोई बारिश नहीं हुई है और मध्य क्षोभमंडल तक के क्षेत्र के वातावरण में नमी कम हो गई है।
आंकड़े दर्शाते हैं कि भारत में 1 जून से 13 सितंबर तक 840.3 मिलीमीटर बारिश हुई जबकि इस अवधि में सामान्य बारिश 784.3 मिलीमीटर होती है। लिहाजा इस अवधि में 7 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है। क्षेत्र-वार आधार पर 1 जून से 13 सितंबर के दौरान दक्षिण पश्चिम मॉनसून की पूर्व व पूर्वोत्तर भारत में करीब 20 प्रतिशत कमी थी जबकि उत्तर-पश्चिम भारत में करीब 32 प्रतिशत अधिक बारिश हुई, मध्य भारत में करीब 11 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई व भारत के दक्षिण प्रायद्वीप में करीब 7 प्रतिशत अधिक बारिश हुई।
अच्छी बारिश के कारण खरीफ को बोआई को समर्थन मिला। इस क्रम में 5 सितंबर तक खरीफ फसल की बोआई करीब 1,105.4 लाख हेक्टेयर हुई और यह बुआई बीते साल की अवधि की तुलना में 2.5 प्रतिशत अधिक है। इसमें धान की बोआई करीब 438.2 लाख हेक्टेयर भूमि पर हुई और यह बीते साल की तुलना में 4.7 प्रतिशत अधिक है। मक्का की बोआई करीब 94.6 लाख हेक्टेयर में हुई और बीते वर्ष की समीक्षाधीन अवधि की तुलना में 12.2 प्रतिशत अधिक है।