प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सरकार ने अपनी नौंवी वर्षगांठ के अवसर पर शुक्रवार को कहा कि केंद्र में 26 मई, 2014 को पद की शपथ लेने के बाद से लेकर अब तक का उसका नौ साल का शासन ‘सेवा,सुशासन’ और गरीब कल्याण पर केंद्रित रहा।
भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने संकेत दिया कि 17वीं लोकसभा के बाकी 10 महीनों में वर्ष 2024 के आम चुनावों की अधिसूचना जारी होने तक मोदी सरकार गरीबों और महिलाओं के लिए योजनाएं लागू करने पर जोर देने के साथ आम लोगों के कल्याण पर ध्यान केंद्रित करेगी और लोगों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की निरंतर लोकप्रियता के आधार पर लगातार तीसरी बार लोकसभा चुनाव जीतने की उम्मीद करेगी।
हालांकि, इसने बुनियादी ढांचे के विकास, विश्वविद्यालयों और मेडिकल कॉलेजों की स्थापना में हो रही प्रगति के जिक्र के साथ ही दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में भारत के उभरने की बात भी शामिल थी।
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति इरानी ने मोदी सरकार के नौ साल पूरे होने के मौके पर राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित एक कार्यक्रम में सरकार की रिपोर्ट पेश की जिसमें भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा, केंद्रीय मंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह, निर्मला सीतारमण, पीयूष गोयल, अश्विनी वैष्णव, अनुराग ठाकुर और राजीव चंद्रशेखर ने हिस्सा लिया। इस मौके पर नड्डा ने कहा कि भारत ने मोदी के नेतृत्व में ‘सर्वांगीण और समावेशी विकास’ देखा है।
इस कार्यक्रम में सरकार द्वारा प्रकाशित एक पुस्तिका भी वितरित की गई जिसमें कहा गया, ‘विकास के पहले के दृष्टिकोण के विपरीत नरेंद्र मोदी सरकार वास्तव में समग्र विकास की संस्कृति पर जोर देती है जिसमें कोई भी पीछे नहीं छूटता है।’ इरानी ने समाज के वंचित वर्ग और महिलाओं के लिए सरकार के कार्यक्रमों और नीतियों का जिक्र करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री की दूरदर्शिता गरीबों के लिए सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करना है।
उन्होंने सरकार द्वारा 80 करोड़ लोगों के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने, जनधन के तहत 48.27 करोड़ खाते खोलकर सबको वित्तीय सेवाओं से जोड़ने का जिक्र करते हुए कहा कि इनमें से करीब 26.54 करोड़ खाते महिलाओं के हैं। उनका कहना था कि 133 करोड़ लोगों के आधार को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) से जोड़कर अनुमानित तौर पर 25 लाख करोड़ रुपये वितरित किए गए।
नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा जारी पुस्तिका के अनुसार, मोदी सरकार ने महिलाओं को सम्मान देने के मकसद से 11.72 करोड़ शौचालयों का निर्माण किया और उज्ज्वला योजना के तहत 9.6 करोड़ एलपीजी सिलिंडर दिए। इरानी ने कहा कि ग्रामीण आवास योजना के तहत बनाए गए 2.5 करोड़ आवास में से 70 प्रतिशत या तो महिलाओं के नाम पर हैं या वे संयुक्त रूप से घर की मालकिन हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार ने अपने जल जीवन मिशन के तहत 8.67 करोड़ घरों में पाइप से पानी पहुंचाया है और मुद्रा योजना के तहत 69 प्रतिशत लाभार्थी महिलाएं हैं। मार्च 2023 में, केंद्र ने एलपीजी सिलिंडर पर 200 रुपये की सब्सिडी एक साल के लिए बढ़ा दी है।
पुस्तिका में मोदी सरकार द्वारा जनजातियों के लिए उठाए गए कदमों, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए आरक्षण, राज्यों को अपनी ओबीसी सूची बनाने की अनुमति दिए जाने और तीन तलाक को अवैध करार देने का उल्लेख किया गया है। इसमें किसानों के लिए बनी योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है।
उदाहरण के लिए 11.39 करोड़ छोटे किसानों को प्रधानमंत्री किसान निधि के माध्यम से हर वर्ष 6,000 रुपये दिया जाना और 37.59 करोड़ किसानों को 2016 में शुरू की गई प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत पंजीकृत किया जाना। पुस्तिका में कुछ और बातों का उल्लेख है, मसलन स्किल इंडिया के तहत 1.37 करोड़ युवाओं को प्रशिक्षित किया गया, नौ वर्ष में आईटीआई की तादाद 11,847 से बढ़ाकर 14,955 की गई, 390 नए विश्वविद्यालय स्थापित किए गए, एम्स की संख्या 8 से बढ़ाकर 23 की गई, मेडिकल कॉलेज 641 से बढ़ाकर 1,341 किए गए और मेडिकल सीट 82,466 से बढ़ाकर 1,52,129 कर दी गईं।
सरकार ने कहा कि उसने शहरी आवास बनाने में संप्रग के 10 वर्ष के कार्यकाल को पीछे छोड़ दिया। इस अवधि में 6.5 करोड़ सामुदायिक शौचालय बनाए गए और 4,335 कस्बों और गांवों को खुले में शौच से मुक्त कराया गया।
सरकार ने कहा कि उसने 2017 से जनवरी 2023 तक 10 लाख सरकारी नौकरियां देने का अभियान चलाया, 4.78 करोड़ नए सदस्यों ने ईपीएफओ की सदस्यता ली और स्टार्ट अप इंडिया के तहत 10.1 लाख नए रोजगार तैयार किए गए। सरकार ने अपनी अन्य सफलताओं के रूप में आयुष्मान भारत, घरों को बिजली उपलब्ध कराने के लिए सौभाग्य योजना, 220 करोड़ कोविड टीके और महामारी के दौरान दुनिया भर से भारतीयों को वापस लाने को गिनवाया है।
सरकार ने बताया कि 17 अप्रैल तक 41 शहरों में 100 जी20 बैठकें आयोजित की गईं। उसने आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने, रक्षा उत्पादन, अनुच्छेद 370 के निरसन, अग्निपथ योजना और वस्तु एवं सेवा कर की शुरुआत को अपनी सफलता के रूप में पेश किया। पुस्तिका के मुताबिक दुनिया के कुल यूपीआई लेनदेन में भारत की हिस्सेदारी 40 फीसदी है।
सरकार ने पीएलआई योजना की बात की और कहा कि यह अगले पांच वर्ष में 60 लाख रोजगार तैयार करेगी। इरानी ने राजमार्ग और ग्रामीण सड़क निर्माण में मिली सफलताओं का ब्योरा दिया। सरकार ने कहा कि प्रधानमंत्री ने 13 वंदे भारत ट्रेनों की शुरुआत की और अगले तीन वर्ष में 400 स्वदेश निर्मित ट्रेनें इसमें शामिल होगी। सरकार ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण और काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनाकर भारती की सांस्कृतिक विरासत बहाल की जा रही है।
दूसरी ओर कांग्रेस ने प्रधानमंत्री से कहा कि वह जनता से धोखेबाजी के लिए माफी मांगें। उसने कहा कि इस दिवस को माफी दिवस के रूप में मनाया जाना चाहिए। पार्टी ने ‘नौ दिन नौ प्रश्न’ नाम से एक पुस्तिका भी जारी की। पार्टी ने मुद्रास्फीति, बेरोजगारी, 19 जून 2020 को चीन को क्लीन चिट देने, सरकारी संपत्तियों को पूंजीपतियों को बेचने और किसानों की आय दोगुनी करने के मोर्चे पर विफलता के मसलों पर भी जवाब मांगा।