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मध्यम वर्ग को सिर्फ 5 फीसदी ब्याज पर होम लोन देने की जरूरत

रियल एस्टेट कंसल्टेंसी एनारॉक के मुताबिक भारत के शीर्ष 7 शहरों में 2019 के बाद मकान की औसत कीमत में 45 फीसदी वृद्धि हुई है।

Last Updated- August 27, 2024 | 11:29 PM IST
Home Loan

भारत में मकानों की कीमत और किराये में वृद्धि को देखते हुए नैशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल (नारेडको) के अध्यक्ष जी हरिबाबू का कहना है कि केंद्र सरकार को मध्य वर्ग के भारतीयों को 25 लाख रुपये तक आवास ऋण 5 फीसदी की किफायती ब्याज दर पर मुहैया कराना चाहिए।

बिज़नेस स्टैंडर्ड से ऑनलाइन बातचीत में हरिबाबू ने कहा कि भारत में मध्य वर्ग की आबादी, कुल आबादी की करीब 30 फीसदी है और यह तबका मुख्य रूप से किराये के मकान में रह रहा है। ऐसा इसलिए है कि वे मौजूदा 8.75 से 9 फीसदी ब्याज पर मासिक किस्त (ईएमआई) का भुगतान नहीं कर सकते।

उन्होंने कहा, ‘इस 30 फीसदी आबादी में से बहुसंख्य लोगों का वेतन 50,000 से 70,000 रुपये महीने है। इसमें से वे 15,000 से 20,000 रुपये तक की ईएमआई ही दे सकते हैं। लेकिन 20,000 रुपये किस्त भुगतान करने पर आज कितने ऋण की पात्रता बनती है? इतने पर करीब 20 लाख रुपये ही मिल सकते हैं।’

उन्होंने कहा, ‘क्या दिल्ली, मुंबई, बेंगलूरु जैसे बड़े शहरों में कोई भी बिल्डर 20 लाख रुपये में कोई आवास मुहैया करा सकता है? उन लोगों के लिए कोई जगह नहीं है, जो 1 लाख रुपये से कम वेतन पा रहे हैं।’ कीमतें बढ़ने के साथ स्थिति और गंभीर हो गई है। रियल एस्टेट कंसल्टेंसी एनारॉक के मुताबिक भारत के शीर्ष 7 शहरों में 2019 के बाद मकान की औसत कीमत में 45 फीसदी वृद्धि हुई है।

इस अवधि के दौरान औसत किराया 64 फीसदी बढ़ा है। उन्होंने कहा, ‘हमने पिछले साल भी केंद्र सरकार से अनुरोध किया था कि ऐसे लोगों को 25 लाख रुपये कर्ज 5 फीसदी ब्याज दर पर दिया जाए।’ उन्होंने कहा, ‘अगर 25 लाख रुपये तक के कर्ज पर 5 साल के लिए 5 फीसदी ब्याज तय कर दिया जाए तो उनकी ईएमआई घटकर 16,000 से 17,000 रुपये महीने आ जाएगी। ऐसे में वे कुछ और धन लगाकर एक बेडरूम, हॉल, किचन (1 बीएचके) का फ्लैट खरीद सकेंगे।’

First Published - August 27, 2024 | 10:52 PM IST

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