गत सप्ताह कोलकाता में 32 वर्षीय महिला चिकित्सक के बलात्कार और हत्या के विरोध में पश्चिम बंगाल के शहरों और कस्बों में बड़ी संख्या में महिलाएं विरोध प्रदर्शन करने जा रही हैं। इस बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया है कि उनकी सरकार के खिलाफ दुर्भावनापूर्ण ढंग से एक अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) राज्य में सत्ता पाने के लिए वहां बांग्लादेश जैसे विरोध प्रदर्शन शुरू करने के लिए प्रयासरत हैं।
बुधवार शाम बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार ने कोलकाता के सरकारी अस्पताल में महिला चिकित्सक के बलात्कार और हत्या के मामले में हरसंभव कदम उठाया है। उनका यह बयान उस समय आया है जब भाजपा की ओर से उनके इस्तीफे की मांग और रही है और कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत कांग्रेस पार्टी ने भी उनकी आलोचना की है।
बुधवार की सुबह केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) अधिकारियों की एक टीम अपराध की जांच के लिए कोलकाता पहुंची। इससे पहले ऐसे आरोप सामने आए थे कि स्थानीय प्रशासन अपराधियों को बचाने की कोशिश कर रहा है क्योंकि सामूहिक बलात्कार का अपराध होने के बावजूद उसने केवल एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया।
मंगलवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी।
सोशल मीडिया पर ‘वीमन, रिक्लेम द नाइट’ के आह्वान की प्रतिक्रिया में आम लोग, कॉलेज विद्यार्थी, गृहिणियां और कार्यालयों में काम करने वाले लोग बुधवार की रात कोलकाता के विभिन्न हिस्सों समेत तमाम छोटे कस्बों और बड़े शहरों में एकत्रित होंगे। वाम दलों, कांग्रेस और सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के नेताओं समेत राजनीतिक दलों ने मध्य रात्रि होने वाले इस प्रदर्शन के प्रति अपना समर्थन प्रकट किया है। भाजपा ने बुधवार दोपहर कोलकाता में एक विरोध प्रदर्शन किया।
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पीड़िता के माता-पिता ने कलकत्ता उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर करके आरोप लगाया है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से संकेत मिलता है कि यह मामला सामूहिक बलात्कार का था और उनकी बेटी के शरीर पर चोट के गंभीर निशान हैं जो बताते हैं कि उस पर एक जघन्य हमला किया गया।
इससे पहले पुलिस ने कोलकाता के आर जी कर अस्पताल में ड्यूटी डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था। यह घटना 9 अगस्त को घटी थी। विरोध प्रदर्शन के लिए रात 11.55 बजे का समय तय किया गया है जो वही समय है जब मध्य रात्रि देश अपनी आजादी का जश्न मनाना शुरू करेगा।
प्रदर्शनकारियों ने कहा है कि रैली में किसी राजनीतिक दल के झंडे को फहराने की इजाजत नहीं होगी। कोलकाता मेट्रो रेल ने घोषणा की है कि उस दिन वह प्रदर्शनकारियों की अनुमानित संख्या को देखते हुए उत्तर-दक्षिण मार्गपर दो जोड़ी अतिरिक्त ट्रेनों का संचालन करेगी। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने विरोध का समर्थन करते हुए कहा कि तृणमूल कांग्रेस के शासन में कानून व्यवस्था की स्थिति एकदम बिगड़ गई है। तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ राज्य सभा सदस्य सुखेंदु शेखर राय ने प्रदर्शनकारियों के साथ एकजुटता जताई और कहा कि वह धरने पर बैठेंगे।
लोक सभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक्स पर लिखा कि पीड़ित को न्याय दिलाने के बजाय आरोपित को बचाने की कोशिश अस्पताल और स्थानीय प्रशासन पर गंभीर प्रश्न खड़े करती है। उन्होंने कहा कि पूरा देश कोलकाता में जूनियर डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के मामले से स्तब्ध है। उन्होंने कहा कि इस अपराध की जघन्यता और अमानवीयता के कारण चिकित्सक समुदाय और महिलाओं में असुरक्षा का माहौल है।
गांधी ने कहा, ‘इस घटना ने हमें यह सोचने पर विवश किया है कि अगर डॉक्टर मेडिकल कॉलेज में भी सुरक्षित नहीं हैं तो माता-पिता अपने बच्चों को बाहर अध्ययन के लिए कैसे भेजेंगे? आखिर निर्भया मामले के बाद बने सख्त कानून भी ऐसे अपराधों को रोक पाने में नाकाम क्यों हैं? हाथरस से लेकर उन्नाव और कठुआ से लेकर कोलकाता तक महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों को लेकर हर दल, समाज के हर धड़े को गंभीर चर्चा करनी होगी और ठोस कदम उठाने होंगे।’
उन्होंने कहा कि वह इस असहनीय दुख की घड़ी में वह पीड़ित परिवार के साथ हैं, उन्हें हर कीमत पर न्याय मिलना चाहिए और दोषियों को ऐसा दंड मिलना चाहिए जो समाज में उदाहरण बने। तृणमूल कांग्रेस ने जवाबी हमला करते हुए कहा कि केंद्र में पिछली कांग्रेस सरकार के समय महिलाओं की सुरक्षा की स्थिति बेहद खराब थी। पार्टी के नेता कुणाल घोष ने कहा, ‘ऐसी टिप्पणियां करने के पहले उन्हें तथ्यों की जांच करनी चाहिए। उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि राजीव गांधी के कार्यकाल और केंद्र में कांग्रेस की पिछली सरकारों के दौर में महिलाओं की सुरक्षा की क्या स्थिति थी।’
भाजपा के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने आरोप लगाया पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने आरोपित को बचाने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि सबूत नष्ट करने और आरोपित को बचाने के प्रयास किए गए। उन्होंने कहा कि पुलिस ने बिना व्यापक जांच के सामूहिक बलात्कार की आशंका को नकार दिया। उन्होंने यह भी कहा कि जिस मेडिकल कॉलेज में पीड़ित काम करती थी और जहां अपराध घटित हुआ उसके प्रिंसिपल के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय राज्य सरकार ने उसे दूसरे कॉलेज में समान पद पर स्थानांतरित कर दिया गया।