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Trump Tariff: मछली, आम, काजू कारोबार को बचाने की महाराष्ट्र सरकार की कवायद शुरू

सरकारी स्तर से किस तरह की योजना लाई जा सकती है? निर्यातकों को कैसे मदद की जा सकती है, बैठक में इस पर एक मसौदा योजना प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गए।

Last Updated- August 14, 2025 | 7:03 PM IST
विविधीकरण पर जोर देने के बावजूद अमेरिका को होने वाले निर्यात पर निर्भरता बढ़ी, India's export reliance on US grows despite diversification push

अमेरिकी प्रशासन द्वारा भारतीय उत्पादों पर लगाए गए भारी शुल्क के कारण उत्पन्न संकट से निपटने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने मत्स्य, आम और काजू निर्यात पर टैरिफ वृद्धि के प्रभाव की समीक्षा बैठक की । राज्य सरकार मत्स्य एवं कृषि उत्पादों का घरेलू खपत बढ़ाने और नए निर्यात बाजारों की तलाश करने की योजना तैयार कर रही है ताकि किसानों और मछुआरों को कम से कम नुकसान हो ।

अमेरिका द्वारा मत्स्य, आम और काजू निर्यात पर टैरिफ वृद्धि के प्रभाव की समीक्षा बैठक में मत्स्य पालन एवं बंदरगाह मंत्री नितेश राणे ने कहा कि अमेरिका ने भारतीय उत्पादों पर बड़े पैमाने पर टैरिफ बढ़ा दिए हैं। इससे अमेरिका में भारतीय उत्पाद महंगे होने और उनकी मांग कम होने की संभावना है। देश से बड़ी मात्रा में मछली उत्पाद अमेरिका को निर्यात किए जाते हैं। इस टैरिफ वृद्धि को देखते हुए, मछली उत्पादन के लिए नए बाजारों पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। साथ ही, घरेलू बाजार में भी मछली की बिक्री और आपूर्ति बढ़ाने के प्रयास किए जाने चाहिए। 

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समुद्री उत्पाद विकास प्राधिकरण को अन्य देशों के बाजारों पर विचार करते हुए, अधिकतम मछली, विशेष रूप से झींगा, घरेलू बाजार में बिक्री के लिए कैसे लाया जा सकता है इस पर रणनीति बनाने को कहा गया। सरकारी स्तर से किस तरह की योजना लाई जा सकती है? निर्यातकों को कैसे मदद की जा सकती है, इस पर एक मसौदा योजना प्रस्तुत करने के निर्देश दिये । राणे ने कहा कि घरेलू बाजार में मछली की आपूर्ति बढ़ाने के लिए इस व्यवसाय में निजी संगठनों के साथ एक बैठक आयोजित की जानी चाहिए। आम निर्यात के साथ-साथ, देश के महत्वपूर्ण शहरों जैसे दिल्ली , बेंगलुरु , ग्वालियर , जबलपुर में आम महोत्सव आयोजित करके आम की घरेलू मांग बढ़ाने का प्रयास किया जाए ताकि किसानों के सही मूल्य मिलता रहे ।

गौरतलब है कि वित्त वर्ष 2024-25 में महाराष्ट्र ने कृषि और खाद्य उत्पादों के निर्यात से रिकॉर्ड 47,017 करोड़ रुपये कमाए। बीते वित्त वर्ष में केले का निर्यात 2,839 करोड़ रुपये रहा, अंगूर 2,781 करोड़ रुपये और अनार 371 करोड़ रुपये पर रहा। दूसरे फलों की श्रेणी में 32 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई, जो 2023-24 में 2,566 करोड़ रुपये से बढ़कर 2024-25 में 3,405 करोड़ रुपये हो गई । आम का निर्यात महाराष्ट्र की कृषि अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है । पिछले वित्त वर्ष में राज्य से आम का निर्यात 415 करोड़ रुपये का हुआ। दुनियाभर में आम के कुल उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी करीब 43 फीसदी है। भारत दुनिया का छठा सबसे बड़ा आम निर्यातक है और पिछले चार वर्षों में आम के निर्यात में 66 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। फिलहाल भारत 48 देशों को आम निर्यात करता है, सबसे बड़े खरीदारों में संयुक्त अरब अमीरात (31%) और अमेरिका (23%) शामिल हैं । वित्त वर्ष 2024-25 के पहले अग्रिम अनुमान के मुताबिक भारत ने लगभग 2.26 करोड़ मीट्रिक टन आमों का उत्पादन किया है, जो पिछले साल से 9 फीसदी अधिक है ।

महाराष्ट्र ने वित्त वर्ष 2024-25 में 585 मिलियन डॉलर के समुद्री खाद्य उत्पादों का निर्यात किया। भारत के समुद्री खाद्य उत्पादों के लिए अमेरिका सबसे बड़ा बाजार था, जिसका मूल्य 7.38 अरब अमेरिकी डॉलर था, जो कुल बाजार का लगभग 35 फीसदी था। ट्रम्प प्रशासन ने भारत के समुद्री खाद्य क्षेत्र पर कुल 59.73 फीसदी टैरिफ लगाया है, जो संभवतः सभी क्षेत्रों में सबसे अधिक है, जिससे उद्योग पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। इसके पहले भारतीय निर्यातक 8.56 फीसदी का संयुक्त शुल्क चुका रहे थे, जिसमें एंटी-डंपिंग ड्यूटी (ADD) और काउंटरवेलिंग ड्यूटी (CVD) शामिल था। इसके साथ-साथ 10 फीसदी का पारस्परिक शुल्क देते थे । नए शुल्कों ने ADD को 2.56 फीसदी से बढ़ाकर 3.96 फीसदी कर दिया है, जबकि CVD 5.77 फीसदी पर बना हुआ है। इसके अतिरिक्त, दंड सहित, पिछला 10 फीसदी पारस्परिक शुल्क बढ़ाकर 50 फीसदी कर दिया है।

First Published - August 14, 2025 | 7:03 PM IST

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