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राज्य सरकार ने महाराष्ट्र के नागपुर जिले में फिल्म सिटी बनाने की योजना बनाई है। राज्य सरकार ने विदर्भ क्षेत्र के नागपुर जिले में 100 एकड़ में फिल्म सिटी बनाने का फैसला किया है। यहां फिल्म सिटी बनाने की योजना पिछले कई सालों से चल रही है लेकिन अभी तक इसको जमीनी धरातल पर नहीं लाया जा सका है। एक बार फिर से राज्य सरकार ने नागपुर में फिल्म सिटी बनाने की कवायद शुरु कर दी है।
महाराष्ट्र के संस्कृति मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने गुरुवार को कहा कि हमने नागपुर जिले में 100 एकड़ जमीन पर फिल्म सिटी बनाने का फैसला किया है। इस फिल्म सिटी में विभिन्न फिल्मों और धारावाहिकों की शूटिंग की जाएगी। सांस्कृतिक कार्य मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि नागपुर में 100 में भव्य फिल्म सिटी बनाने के निर्देश दिये गए हैं।
भारतीय फिल्म उद्योग की नींव मराठी लोगों द्वारा रखी गई है और महाराष्ट्र में समृद्ध फिल्मों की परंपरा है। इस परंपरा को और समृद्ध करने के लिए और मराठी फिल्मों को व्यापक व्यावसायिक अवसर प्राप्त करने के लिए सांस्कृतिक विभाग की ओर से एक मराठी फिल्म नीति तैयार की जानी चाहिए, इस उद्देश्य के लिए एक समिति का गठन किया जाना चाहिए और इस काम को गति दी जानी चाहिए।
संस्कृति विभाग अधिक गुणवत्ता वाली मराठी फिल्मों के निर्माण के लिए पूरक वातावरण और अवसरों की उपलब्धता बढ़ाने का प्रयास कर रहा है । अलग-अलग इंफ्रास्ट्रक्चर और कई अहम चीजों के लिए मशहूर नागपुर की शान में अब चार चांद लगने वाले हैं। मराठी फिल्म अनुदान को लेकर हुई बैठक में मुनगंटीवार ने संबंधितों को जानकारी दी।
इस बैठक में विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विकास खड़गे, चित्रनगरी मुंबई की प्रबंध निदेशक स्वाति म्हसे पाटिल सहित सभी संबंधित अधिकारी, ऑल इंडिया मराठी फिल्म प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी और अन्य संबंधित उपस्थित थे।
साथ ही सब्सिडी के लिए पात्र फिल्मों में महिला निर्देशक वाली फिल्म को पांच लाख रुपये की अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि देने का भी निर्णय लिया गया । अंतर्राष्ट्रीय राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में भाग लेने वाली मराठी फिल्मों को बिना स्क्रीनिंग के दोगुनी सब्सिडी दी जाएगी। फिल्मों को ए, बी, सी तीन समूहों में ग्रेडिंग करने के लिए एक ग्रेडिंग कमेटी बनायी जाएगी। अपर मुख्य सचिव विकास खड़गे ने कहा कि कोविड काल की फिल्मों पर अलग से विचार करने के बाद निर्णय लिया जाएगा।
फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का कहना है कि महाराष्ट्र में फिल्मों का काम बहुत ज्यादा है । मुंबई फिल्म सिटी के अलावा राज्य में और भी फिल्म सिटी तैयार होती है तो इसका फायदा इंडस्ट्री से जुड़े लोगों को जरुर होगा। इसके साथ फिल्म उद्योग को राज्य से बाहर जाने से भी रोकने में मदद मिलेगी। विदर्भ इलाके में कई फिल्मों और धारावाहिकों की शूटिंग हुई है यहां का माहौल मराठी और हिंदी फिल्म के लिए अनुकूल है लेकिन सुविधाएं नहीं होने के कारण निदेशक इस इलाके में आने से बचते हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश के नोएडा की तरह यहां भी फिल्म सिटी बनाने की योजना तैयार की है।
महाराष्ट्र सरकार ने इसके पहले 2018 में नागपुर में फिल्म सिटी बनाने की योजना बनाई थी । तत्कालीन पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने शहर से करीब 35-40 किलोमीटर दूर कुंवारा भीमसेन के पास करीब 2,000 हेक्टेयर जमीन की पहचान की थी। यह इलाका रामटेक कस्बे के अंतर्गत आता है। उस समय कई फिल्म निदेशक इस इलाके का दौरा किये थे। उस समय बावनकुले ने कहा था कि हमने एक ऐसी जगह की पहचान की है जो ज्यादातर निजी जमीन है और पेंच नदी के बहुत नज़दीक है। इसका एक हिस्सा राज्य वन विभाग के पास है। एक बार जब हम जमीन को अंतिम रूप दे देंगे, तो हम चाहेंगे कि वह इसे हमें सौंप दे ताकि हम विश्वस्तरीय फिल्म सिटी विकसित कर सकें।