मुंबई का बेहद खास इलाका एवं देश की नामी निजी कंपनियों का प्रमुख ठिकाना दक्षिण मुंबई मराठा आरक्षण के लिए जारी आंदोलन के कारण अस्त-व्यस्त हो गया है। मराठा आरक्षण की मांग के समर्थन में मनोज जरांगे पाटिल के साथ सैंकड़ों लोग सड़कों पर हैं। इससे व्यापक स्तर पर कामकाज प्रभावित हो रहा है। कई कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को हालात सामान्य होने तक घर से काम करने के लिए कहा है। रिलायंस इंडस्ट्रीज, भारतीय रिज़र्व बैंक, बंबई स्टॉक एक्सचेंज, टाटा समूह, भारतीय स्टेट बैंक आदि बड़े सरकारी और निजी प्रतिष्ठानों-इकाइयों का मुख्यालय दक्षिण मुंबई में है।
ऑल इंडिया एसोसिएशन ऑफ इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष और एमवीआईआरडीसी वर्ल्ड ट्रेड सेंटर, मुंबई के अध्यक्ष विजय कलंत्री ने कहा कि यातायात जाम और कर्मचारियों की कम उपस्थिति के कारण इस क्षेत्र में 35-40 प्रतिशत तक वाणिज्यिक गतिविधियां प्रभावित हुई हैं। कलंत्री ने कहा कि बैंकों में भी कामकाज पर असर पड़ा है।
भारतीय कंपनियों के अलावा मैकिंजी ऐंड कंपनी, ब्लैकस्टोन ग्रुप, एचएसबीसी इंडिया, डीपी वर्ल्ड, वारबर्ग पिंकस, वेल्स फार्गो जैसी कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों के कार्यालय भी दक्षिण मुंबई, खासकर नरीमन पॉइंट और फोर्ट में आंदोलन के कारण मुश्किल स्थिति का सामना कर रहे हैं। कलंत्री ने कहा, ‘सभी वाणिज्यिक, बैंकिंग लेनदेन दक्षिणी मुंबई में होते हैं। यहां स्थित प्रतिष्ठानों के कुछ कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं, लेकिन सब कुछ घर से नहीं किया जा सकता। इसलिए व्यापार-वाणिज्यिक लेनदेन पर असर पड़ रहा है।’
दुनिया के शीर्ष लग्जरी खुदरा ब्रांड, विशेष रूप से फैशन स्टोर भी दक्षिणी मुंबई में ही हैं। सब्यसाची, पर्निया पॉप-अप शॉप, ले मिल, ओगन, क्लोव द स्टोर आदि ब्रांड स्टोर नरीमन पॉइंट, फोर्ट और कोलाबा में हैं। इंडियन होटल्स कंपनी के द ताज महल पैलेस, ओबेरॉय ग्रुप के ट्राइडेंट होटल और द ओबेरॉय और ग्रैविस हॉस्पिटैलिटी के इंटरकॉन्टिनेंटल होटल आदि भी इसी क्षेत्र में हैं।
आरक्षण आंदोलन 43 वर्षीय जरांगे की भूख हड़ताल के साथ 29 अगस्त को दक्षिण मुंबई में छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) स्टेशन के पास 25 एकड़ में फैले आजाद मैदान में शुरू हुआ। जरांगे अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग कर रहे हैं। हालांकि, उनके समर्थकों ने शुक्रवार से दक्षिण मुंबई के आसपास यातायात रोक दिया, जिससे कार्यालय जाने वालों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
सरकार ने मराठा आरक्षण पर एक मंत्रिमंडलीय उप-समिति का गठन किया है, जिसका नेतृत्व महाराष्ट्र सरकार के जल संसाधन मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल कर रहे हैं। इस बीच, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मुद्दे को हल करने के लिए कानून के मुताबिक विकल्प तलाशने का दावा किया है। जरांगे समर्थक आजाद मैदान और सीएसएमटी स्टेशन के आसपास के क्षेत्रों में आंदोलन कर रहे हैं। इससे यातायात की गति काफी धीमी हो गई है। साथ ही सीएसएमटी पर स्थानीय रेलगाड़ियों एवं बेस्ट बस के संचालन पर भी असर पड़ा है।
ट्रैफिक पुलिस ने सीएसएमटी और बृहन्मुंबई महानगरपालिका की ओर जाने वाली सभी सड़कों के साथ-साथ मंत्रालय से मरीन ड्राइव तक का रास्ता भी यातायात के लिए बंद कर दिया है। जेजे फ्लाईओवर से दक्षिण मुंबई की ओर जाने वाले वाहनों को पुलिस आयुक्त कार्यालय के पास मेट्रो जंक्शन या चर्चगेट स्टेशन की ओर भेजा जा रहा है।
सोमवार को जरांगे के आमरण अनशन को चार दिन हो गए। उन्होंने अपनी मांगें पूरी होने तक मुंबई नहीं छोड़ने का ऐलान किया है। मराठा समुदाय की आरक्षण की मांग और इसके लिए आंदोलन का लगभग 3-4 दशकों का लंबा इतिहास है। मौजूदा आंदोलन ने सितंबर 2023 में गति पकड़ी जब जरांगे ने आरोप लगाया था कि महाराष्ट्र के सूखाग्रस्त मराठवाड़ा क्षेत्र के जालना के अंतरवाली सराटी में पुलिस ने तत्कालीन उप-मुख्यमंत्री फडणवीस के आदेश पर मराठा आरक्षण आंदोलन के दौरान उनके समर्थकों पर लाठी बरसाई थी।
इस बीच, बंबई उच्च न्यायालय ने सोमवार शाम को कहा कि आंदोलन ने शहर को ठप कर दिया है। इसे देखते हुए कहा जा सकता है कि यह आंदोलन न तो शांतिपूर्ण है और न ही शर्तों के अनुरूप। अदालत ने सामान्य स्थिति बहाल करने का आग्रह किया और जरंगे और उनके समर्थकों को मंगलवार दोपहर तक सभी सड़कों को खाली करने का अवसर दिया। मामले की सुनवाई मंगलवार को दोबारा होगी।